मोल्दोवा (Moldova) की राष्ट्रपति मैया संडू ने रूस (Russia) पर उनकी यूरोपीय यूनियन समर्थक सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. राष्ट्रपति मैया संडू सोमवार, 13 फरवरी को सामने आईं और दावा किया कि मॉस्को भाड़े के अराजकतत्वों की मदद से तख्तापलट करना चाहता है, ताकि "रूस के नियंत्रण वाली एक अवैध सरकार मोल्दोवा में बैठाई जा सके और उसकी एक दिन यूरोपीय यूनियन में शामिल होने की आकांक्षा धरी की धरी रह जाए.
एक हफ्ते पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने दावा किया था कि उनके देश के हाथ ऐसे डॉक्यूमेंट लगे हैं, जो यह बताते हैं कि रूस की खुफिया एजेंसियों ने मोल्दोवा की सरकार को उखाड़ फेंकने की योजना बनाई है.
इस एक्सप्लेनर में हम आपको इन सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं:
मोल्दोवा की राष्ट्रपति मैया संडू ने रूस पर क्या आरोप लगाए हैं?
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्या दावा किया था?
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से मोल्दोवा किन चुनौतियों का सामना कर रहा है?
मोल्दोवा और रूस कैसे जुड़े हुए हैं?
Moldova: यूरोप के सबसे गरीब देश पर रूसी खुफिया एजेंसी कब्जे की योजना बना रही?
1. मोल्दोवा की राष्ट्रपति मैया संडू ने रूस पर क्या आरोप लगाए हैं?
मोल्दोवा की पश्चिम समर्थक सरकार ने आर्थिक और राजनीतिक संकटों के बीच 18 महीने सत्ता में रहने के बाद 10 फरवरी को इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री नतालिया गवरिलिता ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि "मेरे लिए अपने इस्तीफे की घोषणा करने का समय आ गया है.. कोई मेरी सरकार से रूसी आक्रामकता के कारण सामने आये इतने सारे संकटों को मैनेज करने की उम्मीद नहीं कर सकता था".
राष्ट्रपति संडू ने पिछली सरकार के इस्तीफे के बाद शुक्रवार को मोल्दोवा के प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने रक्षा सलाहकार, डोरिन रिसेन का नाम आगे किया.
इसके बाद राष्ट्रपति संडू ने सोमवार, 13 फरवरी को मीडिया के सामने आकर कहा कि स्थानीय संस्थानों ने उस रूसी योजना की पुष्टि की है, जिसकी बात यूक्रेन के राष्ट्रपति ने की थी.
"इस योजना के तहत रूस मोंटेनेग्रो, बेलारूस और सर्बिया के नागरिकों को मोल्दोवा में भेजकर विरोध-प्रदर्शन कराया जाएगा, ताकी यहां की वैध सरकार को रूसी संघ द्वारा नियंत्रित एक अवैध सरकार से बदल दिया जाए... ऐसा इसलिए भी करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मोल्दोवा का इस्तेमाल किया जा सके."
मोल्दोवा की राष्ट्रपति मैया संडूउन्होंने यह भी कहा है कि "मोल्दोवा में हिंसा फैलाने के रूसी प्रयास काम नहीं करेंगे. हमारा मुख्य लक्ष्य नागरिकों और राज्य की सुरक्षा है. हमारा लक्ष्य देश में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था है.”
Expand2. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्या दावा किया था?
रूसी आक्रमण के बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप से यूरोपीय यूनियन के 27 नेताओं को संबोधित करते हुए, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 9 फरवरी को चेतावनी दी थी कि उनकी एजेंसियों को इसके सबूत मिले हैं कि मोल्दोवा को नष्ट करने के लिए रूस की खुफिया एजेंसी योजना बना रहा है.
जेलेंस्की ने कहा कि योजना के मिले डॉक्यूमेंट "दिखाते हैं कि कौन, कब और कैसे मोल्दोवा के लोकतंत्र को तोड़ने और मोल्दोवा पर नियंत्रण स्थापित करने जा रहा है". जेलेंस्की के अनुसार उन्होंने मोल्दोवा के राष्ट्रपति माइया सैंडू को तुरंत चेतावनी दी थी.
Expand3. यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से मोल्दोवा किन चुनौतियों का सामना कर रहा है?
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से यूरोप के सबसे गरीब देशों में से एक, मोल्दोवा को बड़ी संख्या में शरणार्थियों, बढ़ती महंगाई, बिजली कटौती और ट्रांसनिस्ट्रिया के अलगाववादी क्षेत्र में अस्थिरता का सामना करना पड़ा है. ट्रांसनिस्ट्रिया की आबादी करीब 470,000 है और 1992 में गृह युद्ध के बाद से अलगाववादी अधिकारियों के नियंत्रण में है.
यूक्रेनी ऊर्जा सुविधाओं पर रूसी हमलों के बाद मोल्दोवा भी बिजली कटौती का भी सामना कर रहा है और रूसी गैस पर अपनी निर्भरता को समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है.
मोल्दोवा के निर्वासित विपक्षी राजनेता इलन शोर की पार्टी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों ने यूरोप समर्थक राष्ट्रपति संडू को सबसे गंभीर राजनीतिक चुनौती दी है.
तनाव पिछले हफ्ते और बढ़ गया जब मोल्दोवा ने कहा कि यूक्रेन जाते एक रूसी मिसाइल द्वारा उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया गया था, और उसने विरोध करने के लिए रूसी राजदूत को तलब किया.
Expand4. मोल्दोवा और रूस के संबंध कैसे जुड़े हुए हैं?
मोल्दोवा पहले सोवियत रूस का हिस्सा था, लेकिन जब 1990 के आसपास सोवियत रूस टूटा तो वह आजाद हो गया. रूस लंबे समय से इसे अपने प्रभाव के राजनीतिक क्षेत्र में रखने की मांग करता रहा है. मोल्दोवा की स्थिति उसे रूस के लिए अहम बना देती है. यह यूरोपीय यूनियन, रोमानिया की सीमा और दक्षिण-पश्चिमी यूक्रेन के बीच स्थित है. मोल्दोवा के अलगववादी क्षेत्र ट्रांसनिस्ट्रिया में तैनात रूसी सैनिकों ने मास्को को मोल्दोवा को डराने और उसकी पश्चिम से दोस्ती को सीमित करने का एक हथकंडा दे रखा है.
ट्रांसनिस्ट्रिया के रूस से घनिष्ठ संबंध हैं. वहां रहने वाले लोग ज्यादातर रूसी भाषी हैं और सरकार रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा चलाई जाती है. द कंवर्सेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ट्रांसनिस्ट्रिया को मुफ्त प्राकृतिक गैस भी प्रदान करता है और इस क्षेत्र में वृद्ध लोगों को पेंशन भी देता है. ट्रांसनिस्ट्रिया में लगभग 1,500 रूसी सैनिक तैनात हैं.
यूक्रेन के विपरीत, मोल्दोवा में एक कमजोर सेना है. मोल्दोवा के सक्रिय सैन्य कर्मियों की संख्या 6,000 सैनिकों की है, जिनके पास रूसी सैनिकों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने की क्षमता नहीं है.
भले ही कागज पर, ट्रांसनिस्ट्रिया रूस के लिए मोल्दोवा पर हमला शुरू करने के लिए एक आदर्श स्थान की तरह दिखता है, लेकिन माना जाता है कि ट्रांसनिस्ट्रिया के पास मोल्दोवा के खिलाफ लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. रूस ने भी मोल्दोवा में हस्तक्षेप करने की इच्छा से पिछले साल इनकार किया था.
दूसरी तरफ मोल्दोवा यूरोपीय यूनियन में शामिल होने की मांग कर रहा है और पिछले साल जून में उसे उम्मीदवार का दर्जा दिया गया था, जो उसके पश्चिमी-झुकाव वाले राष्ट्रपति और सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी.
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मोल्दोवा की राष्ट्रपति मैया संडू ने रूस पर क्या आरोप लगाए हैं?
मोल्दोवा की पश्चिम समर्थक सरकार ने आर्थिक और राजनीतिक संकटों के बीच 18 महीने सत्ता में रहने के बाद 10 फरवरी को इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री नतालिया गवरिलिता ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि "मेरे लिए अपने इस्तीफे की घोषणा करने का समय आ गया है.. कोई मेरी सरकार से रूसी आक्रामकता के कारण सामने आये इतने सारे संकटों को मैनेज करने की उम्मीद नहीं कर सकता था".
राष्ट्रपति संडू ने पिछली सरकार के इस्तीफे के बाद शुक्रवार को मोल्दोवा के प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने रक्षा सलाहकार, डोरिन रिसेन का नाम आगे किया.
इसके बाद राष्ट्रपति संडू ने सोमवार, 13 फरवरी को मीडिया के सामने आकर कहा कि स्थानीय संस्थानों ने उस रूसी योजना की पुष्टि की है, जिसकी बात यूक्रेन के राष्ट्रपति ने की थी.
"इस योजना के तहत रूस मोंटेनेग्रो, बेलारूस और सर्बिया के नागरिकों को मोल्दोवा में भेजकर विरोध-प्रदर्शन कराया जाएगा, ताकी यहां की वैध सरकार को रूसी संघ द्वारा नियंत्रित एक अवैध सरकार से बदल दिया जाए... ऐसा इसलिए भी करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मोल्दोवा का इस्तेमाल किया जा सके."मोल्दोवा की राष्ट्रपति मैया संडू
उन्होंने यह भी कहा है कि "मोल्दोवा में हिंसा फैलाने के रूसी प्रयास काम नहीं करेंगे. हमारा मुख्य लक्ष्य नागरिकों और राज्य की सुरक्षा है. हमारा लक्ष्य देश में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था है.”
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्या दावा किया था?
रूसी आक्रमण के बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप से यूरोपीय यूनियन के 27 नेताओं को संबोधित करते हुए, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 9 फरवरी को चेतावनी दी थी कि उनकी एजेंसियों को इसके सबूत मिले हैं कि मोल्दोवा को नष्ट करने के लिए रूस की खुफिया एजेंसी योजना बना रहा है.
जेलेंस्की ने कहा कि योजना के मिले डॉक्यूमेंट "दिखाते हैं कि कौन, कब और कैसे मोल्दोवा के लोकतंत्र को तोड़ने और मोल्दोवा पर नियंत्रण स्थापित करने जा रहा है". जेलेंस्की के अनुसार उन्होंने मोल्दोवा के राष्ट्रपति माइया सैंडू को तुरंत चेतावनी दी थी.
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से मोल्दोवा किन चुनौतियों का सामना कर रहा है?
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से यूरोप के सबसे गरीब देशों में से एक, मोल्दोवा को बड़ी संख्या में शरणार्थियों, बढ़ती महंगाई, बिजली कटौती और ट्रांसनिस्ट्रिया के अलगाववादी क्षेत्र में अस्थिरता का सामना करना पड़ा है. ट्रांसनिस्ट्रिया की आबादी करीब 470,000 है और 1992 में गृह युद्ध के बाद से अलगाववादी अधिकारियों के नियंत्रण में है.
यूक्रेनी ऊर्जा सुविधाओं पर रूसी हमलों के बाद मोल्दोवा भी बिजली कटौती का भी सामना कर रहा है और रूसी गैस पर अपनी निर्भरता को समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है.
मोल्दोवा के निर्वासित विपक्षी राजनेता इलन शोर की पार्टी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों ने यूरोप समर्थक राष्ट्रपति संडू को सबसे गंभीर राजनीतिक चुनौती दी है.
तनाव पिछले हफ्ते और बढ़ गया जब मोल्दोवा ने कहा कि यूक्रेन जाते एक रूसी मिसाइल द्वारा उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया गया था, और उसने विरोध करने के लिए रूसी राजदूत को तलब किया.
मोल्दोवा और रूस के संबंध कैसे जुड़े हुए हैं?
मोल्दोवा पहले सोवियत रूस का हिस्सा था, लेकिन जब 1990 के आसपास सोवियत रूस टूटा तो वह आजाद हो गया. रूस लंबे समय से इसे अपने प्रभाव के राजनीतिक क्षेत्र में रखने की मांग करता रहा है. मोल्दोवा की स्थिति उसे रूस के लिए अहम बना देती है. यह यूरोपीय यूनियन, रोमानिया की सीमा और दक्षिण-पश्चिमी यूक्रेन के बीच स्थित है. मोल्दोवा के अलगववादी क्षेत्र ट्रांसनिस्ट्रिया में तैनात रूसी सैनिकों ने मास्को को मोल्दोवा को डराने और उसकी पश्चिम से दोस्ती को सीमित करने का एक हथकंडा दे रखा है.
ट्रांसनिस्ट्रिया के रूस से घनिष्ठ संबंध हैं. वहां रहने वाले लोग ज्यादातर रूसी भाषी हैं और सरकार रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा चलाई जाती है. द कंवर्सेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ट्रांसनिस्ट्रिया को मुफ्त प्राकृतिक गैस भी प्रदान करता है और इस क्षेत्र में वृद्ध लोगों को पेंशन भी देता है. ट्रांसनिस्ट्रिया में लगभग 1,500 रूसी सैनिक तैनात हैं.
यूक्रेन के विपरीत, मोल्दोवा में एक कमजोर सेना है. मोल्दोवा के सक्रिय सैन्य कर्मियों की संख्या 6,000 सैनिकों की है, जिनके पास रूसी सैनिकों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने की क्षमता नहीं है.
भले ही कागज पर, ट्रांसनिस्ट्रिया रूस के लिए मोल्दोवा पर हमला शुरू करने के लिए एक आदर्श स्थान की तरह दिखता है, लेकिन माना जाता है कि ट्रांसनिस्ट्रिया के पास मोल्दोवा के खिलाफ लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. रूस ने भी मोल्दोवा में हस्तक्षेप करने की इच्छा से पिछले साल इनकार किया था.
दूसरी तरफ मोल्दोवा यूरोपीय यूनियन में शामिल होने की मांग कर रहा है और पिछले साल जून में उसे उम्मीदवार का दर्जा दिया गया था, जो उसके पश्चिमी-झुकाव वाले राष्ट्रपति और सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)