इजरायल में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) का शासन खत्म हो गया है. नफताली बेनेट (Naftali Bennett) ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है. बता दें कि नेतन्याहू 12 साल से इस पद पर काबिज थे.
संसद में बहुमत हासिल करने के बाद दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के 49 वर्षीय नेता बेनेट ने रविवार को शपथ ली. नई सरकार में 27 मंत्री हैं जिनमें से नौ महिलाएं हैं. बेनेट की सरकार ने 120 सदस्यीय सदन में 60-59 के वोट से मामूली बहुमत साबित किया है. इस वोटिंग में 1 सांसद ने हिस्सा नहीं लिया.
नई सरकार के लिए अलग-अलग विचारधारा के 8 दलों ने गठबंधन किया है. इनमें दक्षिणपंथी, वाम, मध्यमार्गी के साथ अरब समुदाय की एक पार्टी भी है. सरकार को मिला समर्थन इस प्रकार है: येश अतीद (17), ब्लू एंड व्हाइट (8), यिसरायल बेतेनु (7), लेबर (7), यामिना (7 में से 6), न्यू होप (6), मेरेट्ज (6), राम (4 में से 3).
येश अतीद के अध्यक्ष येर लापिद, जिन्होंने गठबंधन की पार्टियों को एक साथ लाने में मुख्य भूमिका निभाई, वह गठबंधन के समझौते के तहत 2023 में प्रधानमंत्री पद संभालेंगे. फिलहाल लापिद को विदेश मंत्रालय मिला है. बेनेट ने पोडियम से 27 अगस्त 2023 को प्रीमियरशिप लापिद को सौंपने का वादा किया है.
बता दें कि बेनेट ने जब संसद में संबोधन के दौरान अपनी सरकार के मंत्रियों के नामों की घोषणा की और इस दौरान 71 वर्षीय नेतन्याहू के समर्थकों ने बाधा भी डाली.
प्रतिद्वंद्वी पार्टी के सांसदों के शोर शराबे के बीच बेनेट ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह ‘‘अलग-अलग विचार वाले लोगों के साथ काम करेंगे.’’ बेनेट ने कहा, ‘‘इस निर्णायक समय में हम यह जिम्मेदारी उठा रहे हैं. इस सरकार के अलावा बस यही विकल्प था कि फिर चुनाव करवाएं जाएं. इससे और नफरत फैलती और देश पर असर पड़ता.’’
कौन हैं नफताली बेनेट?
बेनेट राजनीतिक में आने से पहले टेक एंटरप्रेन्योर रह चुके हैं. एक पूर्व स्पेशल फोर्स कमांडो, बेनेट अमेरिका में जन्मे माता-पिता के बेटे हैं. बेनेट अभी अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ इजरायल के रानाना में रहते हैं.
फरवरी में बेनेट ने टाइम्स ऑफ इजरायल से कहा था, ‘’मैं बीबी (नेतन्याहू) की तुलना में ज्यादा दक्षिणपंथी हूं, लेकिन मैं राजनीतिक रूप से खुद को बढ़ावा देने के लिए एक टूल के रूप में नफरत या ध्रुवीकरण का इस्तेमाल नहीं करता हूं.’’
बेनेट को अर्थव्यवस्था पर अति-उदार माना जाता है और वह ईरान के खिलाफ आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं. इजरायल में कुछ ऑब्जर्वर और अखबार बेनेट को उनके विचारों के लिए “अति-राष्ट्रवादी” करार दे चुके हैं.
एक बार उन्होंने यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि वेस्ट बैंक कब्जे में नहीं है क्योंकि “यहां कभी भी फिलिस्तीनी स्टेट नहीं था.’’ उन्होंने यह भी कहा था कि इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का समाधान नहीं किया जा सकता, इसे सहन किया जाना चाहिए.
टेक स्टार्टअप बेचकर रखा राजनीति में कदम
बेनेट ने साल 2005 में अपने टेक स्टार्टअप को 145 मिलियन डॉलर में बेचने के बाद राजनीति में कदम रखा, और अगले साल वह नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ बन गए, जो उस समय विपक्ष में थे.
बेनेट ने 2006 और 2008 के बीच नेतन्याहू के लिए वरिष्ठ सहयोगी के रूप में काम किया. हालांकि, नेतन्याहू के साथ संबंधों में खटास आने के बाद उन्होंने नेतन्याहू की लिकुड पार्टी छोड़ दी.
नेतन्याहू का साथ छोड़ने के बाद, बेनेट 2010 में येशा काउंसिल के प्रमुख बने, जो 'कब्जे वाले वेस्ट बैंक' में यहूदियों के बसने की लॉबी करती है.
2012 में बेनेट ने धुर दक्षिणपंथी ज्यूइश होम पार्टी की कमान संभाली, जो उस वक्त बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही थी.
इसके बाद, बेनेट ने नेतन्याहू की सरकार में रक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री और अर्थव्यवस्था मंत्री के रूप में भी काम किया.
इस बीच, 2018 में बेनेट ज्यूइश होम पार्टी की यामिना पार्टी के तौर पर रीब्रैंडिग कर चुके थे. नेतन्याहू सरकार से बाहर आने के बाद बेनेट ने, 2020 में कोरोना वायरस महामारी के कहर के बीच, स्वास्थ्य संकट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी दक्षिणपंथी बयानबाजी को कम कर दिया.
उन्होंने नवंबर में आर्मी रेडियो से कहा था, "अगले सालों में हमें राजनीति और फिलिस्तीनी स्टेट जैसे मुद्दों को अलग रखना होगा और कोरोना वायरस महामारी पर नियंत्रण पाने, अर्थव्यवस्था को ठीक करने और आंतरिक दरारों को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा."
(AP, टाइम्स ऑफ इजरायल और अल जजीरा के इनपुट्स के साथ)
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