ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी ने मंगलवार को फोन पर बात की. इस बातचीत में बोरिस जॉनसन ने साफ कर दिया कि ब्रिटेन कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय मुद्दा मानता है और दोनों देशों को बातचीत करके ही इसे सुलझाना चाहिए. टेलीफोन पर हुई बातचीत में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने कश्मीर मुद्दे के अलावा भारत और यूके के पार्टनर्शिप पर भी चर्चा की.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी की बातचीत की जानकारी
भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के बीच हुई फोन पर बातचीत कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले के चलते हुई. भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा जारी किया है.
इसमें पीएमओ ने बताया कि पीएम मोदी ने बोरिस जॉनसन को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देने के साथ बातचीत शुरु की फिर पीएम मोदी ने कश्मीर को लेकर जारी हालातों पर बात की. इसके बाद ब्रिटेन के पीएम ने कहा कि उनका मानना है कश्मीर मुद्दा भारत और पाक के बीच का मुद्दा है.
दोनों देशों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और यूके की पार्टनरशिप कितना जरूरी है और आगे कैसे व्यापार और आर्थिक रूप से इसे कायम रखा जाए.
बता दें कि फ्रांस में होने वाले जी-7 की बैठक से पहले फोन पर बातचीत की गई है. इस हफ्ते फ्रांस में दोनों नेता पहली बार मिलने वाले हैं. इसलिए भी फोन पर हुई इस बातचीत का काफी महत्व है. दोनों देशों के नेताओं ने क्लाईमेट चेंज और पर्यावरण को होने वाले नुकसानों के खिलाफ लड़ने की बात भी की है.
पीएम मोदी ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा
10 डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी स्टेटमेंट में आतंकवाद के मुद्दे का जिक्र नहीं है. हालांकि भारत के पीएमओ कि ओर से जारी स्टेटमेंट में लिखा है कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने दुनियाभर में फैले आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की भी बात की थी.
इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने बोरिस जॉनसन का ध्यान भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन के बाहर खालिस्तान समर्थकों और पाकिस्तानियों कि ओर से किए गए तोड़फोड़ की तरफ किया. जॉनसन ने इस घटना पर खेद जताते हुए कहा कि हाई कमीशन की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
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