नेपाल (Nepal) की सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने नई दिल्ली (New Delhi) स्थित अपने दूतावास से नए भारतीय संसद भवन में चित्रित भित्ति चित्रों के बारे में एक रिपोर्ट मांगी है. नेपाल के विदेश मंत्री एन.पी. सऊद ने कहा कि नई दिल्ली में नेपाली दूतावास को निर्देश दिया गया है कि वह भारतीय संसद भवन में चित्रित भित्ति चित्रों (नक्शों) के बारे में एक रिपोर्ट भेजे.
संघीय संसद की अंतर्राष्ट्रीय संबंध समिति की मंगलवार को हुई बैठक में सऊद ने कहा कि दूतावास को भित्ति चित्रों के बारे में भारतीय पक्ष से पूछताछ कर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि काठमांडू में इस मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ है. हालांकि, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ने कहा है कि नई दिल्ली की उनकी यात्रा के दौरान भारतीय पक्ष ने स्पष्ट किया कि यह एक सांस्कृतिक मानचित्र था, न कि राजनीतिक.
सऊद ने समिति को यह भी बताया कि
नवनिर्मित भारतीय संसद भवन में चित्रित भित्ति चित्रों में सम्राट अशोक के समय में उनके साम्राज्य के विस्तार के बारे में एक कैप्शन है.
उन्होंने कहा कि समिति इस बात से अवगत है कि भारत सरकार की आधिकारिक राय विदेश मंत्री की ओर से आई है कि यह मुद्दा राजनीतिक मुद्दा नहीं है. नई दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास को भारतीय पक्ष के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने और एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा कि भारतीय संसद भवन में चित्रित भित्ति चित्रों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया था और कहा कि समिति, समिति के सदस्य और सरकार सभी नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर स्पष्ट हैं, इस मुद्दे पर हमारी राष्ट्रीय सहमति है.
सऊद ने जोर देकर कहा कि
सरकार नेपाल की संप्रभुता, राष्ट्रीय अखंडता, स्वतंत्रता और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और नेपाल की एक इंच भूमि पर भी किसी को अतिक्रमण नहीं करने देगी.
इससे पहले, काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह ने भारतीय भित्ति चित्रों के प्रतिशोध में अपने कार्यालय में ग्रेटर नेपाल मानचित्र लगाकर एक विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें अखंड भारत के हिस्से के रूप में नेपाल के कुछ हिस्सों जैसे लुम्बिनी और कपिलवस्तु को चित्रित किया गया था.
(इनपुट- IANS)
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