नेपाल में एक प्राइवेट एयरलाइन Tara Air द्वारा संचालित एक छोटा यात्री विमान रविवार, 29 मई को क्रैश (Nepal Plane crashed) हो गया. 4 भारतीय सहित कुल 22 लोग इस विमान पर सवार थे, जब इसने नेपाल के टूरिस्ट सिटी पोखरा से उड़ान भरी थी.
सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने कहा कि "स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्लेन लामचे नदी के मुहाने पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया." इसके बाद नेपाल की सेना ने खोज और बचाव अभियान शुरू किया लेकिन दुर्घटना स्थल पर हुई बर्फबारी के कारण आज प्लेन क्रैश में खोज और बचाव अभियान को बंद कर दिया गया है. खोज और बचाव के लिए तैनात सभी हेलीकॉप्टरों को वापस बेस पर बुला लिया गया है. यह रिपोर्ट ANI ने प्रकाशित की है.
Tara Air के विमान ने पोखरा से सुबह 9.55 बजे उड़ान भरी थी और इसके 15 मिनट बाद इसका कंट्रोल टावर से संपर्क टूट गया. इस विमान को सुबह 10:15 बजे जोम्सम एयरपोर्ट पर उतरना था.
काठमांडू में मौजूद भारतीय दूतावास ने कहा कि खोज और बचाव अभियान जारी है और वह विमान में सवार भारतीय यात्रियों के परिवारों के संपर्क में है. दूतावास ने एक आपातकालीन हॉटलाइन नंबर (+977-9851107021) भी शुरू कर दिया है.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार Tara Air एयरलाइंस के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि 4 भारतीय नागरिकों (जो मुंबई से थे) के अलावा, दो जर्मनी और 13 नेपाली यात्री दो इंजन वाले इस 9N-AET विमान में सवार थे.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार जोम्सम एयरपोर्ट पर मौजूद एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने जानकारी दी है कि, उनके पास जोम्सम के घासा में एक तेज आवाज वाले धमाके के बारे में एक अपुष्ट रिपोर्ट है.
पहले भी क्रैश हो चुका है Tara Air एयरलाइन का विमान
इससे पहले 2016 में Tara Air एयरलाइन का एक ट्विन ओटर टर्बोप्रॉप विमान (दो इंजन वाला) नेपाल के पश्चिमी जिले म्यागडी में क्रैश हो गया था जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई.
विमान में चालक दल के तीन लोगों के अलावा एक चीनी और एक कुवैती नागरिक सहित 20 यात्री सवार थे.
नेपाल में प्लेन क्रैश का रिस्क अधिक क्यों है?
हिमालय सहित दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से आठ नेपाल में ही हैं. यहां दुनिया भर से सैलानी घूमने और हिमालय पर ट्रैकिंग के लिए आते हैं और इस कारण यहां व्यापक घरेलू हवाई नेटवर्क है.
लेकिन नेपाल में मौसम अचानक बदल सकता है और यहां कठिन पर्वतीय स्थानों में विमानों की लैंडिंग के लिए एयरस्ट्रिप बने हुए हैं. यही कारण है कि नेपाल में विमान दुर्घटना का रिस्क बहुत अधिक है और उतना ही मुश्किल यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना भी.
2018 की शुरुआत में ढाका से काठमांडू जा रही US-बांग्ला एयरलाइंस की एक फ्लाइट लैंडिंग के वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसमें आग लग गई. इसमें 71 लोगों में से 51 की मौत हो गई थी.
इससे पहले 1992 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एक विमान में सवार सभी 167 लोगों की मौत तब हो गई थी, जब वह फ्लाइट काठमांडू में लैंडिंग करते वक्त क्रैश हो गया था.
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