पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंक के आका हाफिज सईद पर शिकंजा कसा है. पाकिस्तान में अधिकारियों ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ 23 मामलों में आतंकवाद की फंडिंग के आरोप में बुधवार को मुकदमा दर्ज किया. आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर बढ़े अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच यह कदम उठाया गया है.
पाकिस्तान के आतंक रोधी विभाग (सीटीडी) ने कहा है कि उसने पांच ट्रस्टों के जरिए रकम जुटाकर आतंकवाद को वित्तीय मदद मुहैया कराने के आरोप में जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख और 12 सहयोगियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए. सीटीडी ने एक बयान में कहा कि हाफिज सईद और अन्य नेताओं पर आतंकवाद की फंडिंग के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है .लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में जेयूडी, लश्कर-ए-तैयबा और एफआईएफ (फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन) के नेतृत्व के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए गए .
इन पांच ट्रस्टों के जरिए हाफिज ने जुटाई रकम
- दावातुल इरशाद ट्रस्ट
- मोएज बिन जवाल ट्रस्ट
- अल अनफाल ट्रस्ट
- अल मदीना फाउंडेशन ट्रस्ट
- अलहमाद ट्रस्ट
इन सभी ट्रस्ट के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
इन मामलों में जिन्हें नामजद किया गया है, उनमें हाफिज सईद, अब्दुल रहमान मक्की, अमीर हमजा और मुहम्मद याहया अजीज शामिल हैं. इन लोगों पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें चैरिटी के नाम पर आतंकवाद के लिए फंडिंग प्रमुख है.
फ्रीज होंगी सम्पत्तियां
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, "इन संगठनों और आरोपी लोगों की सभी संपत्तियां फ्रीज कर दी जाएंगी और राज्य के कब्जे में ले ली जाएंगी." दूसरी ओर, काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट का कहना है कि यह प्रतिबंध संयुक्त राष्ट्र की ओर से तय प्रतिबंधों के हिसाब से ही लगाए गए हैं.
वैसे इससे पहले भी पाकिस्तान कई बार हाफिज सईद और उसके संगठनों पर बैन लगाकर हटा चुका है.
ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान
आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चौतरफा दबाव पड़ रहा है. फरवरी में, पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों के फंडिंग को रोकने में नाकामयाब रहने की वजह से पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में रखने का फैसला किया था.
(इनपुट: एजेंसियां)
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