फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF के फैसले के मुताबिक पाकिस्तान फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में रहेगा. तीन देशों के समर्थन की वजह से वह ब्लैक लिस्ट में रखे जाने से बच गया. FATF ने पाकिस्तान को टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खात्मे के लिए और कदम उठाने को कहा है.बुधवार को आई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक FATF पाकिस्तान की आतंक विरोधी कार्रवाइयों से संतुष्ट नहीं है.
पाकिस्तान की आतंक विरोधी कार्रवाइयों से संतुष्ट नहीं है FATF
एफएटीएफ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और इससे जुड़े खतरों को रोकने के लिए बना अंतरराष्ट्रीय संगठन है. इसकी स्थापना 1989 में हुई थी. डॉन न्यूज के मुताबिक पेरिस में हुई एफएटीएफ की बैठक में कहा गया कि पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग रोकने के लिए कदम उठाए हैं. लेकिन ये पर्याप्त नहीं हैं. उसे टेरर फाइनेंस खत्म करने के लिए और कोशिश करनी होगी. उसे फरवरी 2020 तक इस संगठन के ग्रे लिस्ट में रखा जाएगा. फरवरी में पाकिस्तान की स्थिति की फिर समीक्षा होगी
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने के फैसले की औपचारिक घोषणा शुक्रवार को की जाएगी. एफएटीएफ का मौजूदा सेशन शुक्रवार को खत्म होगा. हालांकि, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हमीद खान ने देश के ग्रे लिस्ट में बने रहने की रिपोर्ट से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है. 18 अक्टूबर से पहले कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, एफएटीएफ ने पाकिस्तान को टास्क फोर्स की सिफारिशों को लागू करने के लिए चार महीने का वक्त दिया था. लेकिन वह इन्हें पूरी तरह लागू नहीं कर पाया.
भारत ने उठाया था हाफिज सईद का मामला
डॉन न्यूज के मुताबिक एफएटीएफ की पेरिस में हुई बैठक में पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर ने कहा कि उनके देश ने टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए तय 27 मानकों में 20 को लागू कर दिया था. चीन, तुर्की और मलयेशिया ने पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों की तारीफ की. एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट से बचाने के लिए पाकिस्तान को तीन देशों के समर्थन की जरूरत थी, जो उसे इन तीनों देशों के तौर पर मिल गया. बैठक में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज सईद फ्रीज अकाउंट से पैसे निकालने की मंजूरी दे दी थी. लिहाजा पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जाना चाहिए.
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