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कश्मीर पर पाक ने फिर मुंह की खाई, इस बार UNHRC में लगा झटका 

पाकिस्तान जेनेवा में 42वें UNHRC सत्र के दौरान कश्मीर पर प्रस्ताव लाने में नाकाम रहा है

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कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है. इस बार उसे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में झटका लगा है. दरअसल पाकिस्तान जेनेवा में 42वें UNHRC सत्र के दौरान कश्मीर पर प्रस्ताव लाने में नाकाम रहा है क्योंकि इसके लिए उसे डेडलाइन खत्म होने तक जरूरी समर्थन नहीं मिला. बता दें कि प्रस्ताव लाने के लिए डेडलाइन 19 सितंबर को दोपहर 1 बजे (स्थानीय समय) तक थी.

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न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि UNHRC के ज्यादातर सदस्य देशों ने कश्मीर पर प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने से इनकार कर दिया. यहां तक कि उसे 57 सदस्यों वाले ऑर्गनाइजेशन ऑफ कोओपरेशन (OIC) के देशों का भी समर्थन नहीं मिला. 

भारत की एक और कूटनीतिक जीत

इस मामले को भारत की एक और कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच यह साफ करने में सफल रहा है कि कश्मीर पर फैसला लेना उसका आंतरिक मामला है. बता दें कि UNHRC में भारत ने अजय बिसारिया के नेतृत्व में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा. बिसारिया पाकिस्तान में भारत के राजदूत रह चुके हैं.

भारत ने कश्मीर पर पाकिस्तान के अभियान को मजबूती से खारिज करते हुए 10 सितंबर को UNHRC में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करना भारत का संप्रभु फैसला है और देश अपने आंतरिक मामले में कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता.

विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने पाकिस्तान की ओर स्पष्ट संकेत करते हुए कहा था कि मानवाधिकारों के बहाने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडे के लिए UNHRC का दुरुपयोग करने वालों की निंदा किए जाने की जरूरत है. उन्होंने पाकिस्तान के आरोपों पर कहा था, ‘‘जब वास्तव में वे खुद षड्यंत्रकारी होते हैं तो वे खुद को पीड़ित बताने लगते हैं.’’

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