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क्या इमरान खान ने पहले से तैयार कर रखा था सरकार बचाने का फॉर्मूला?

Pakistan में राष्ट्रपति अल्वी ने PM इमरान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग किया, सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

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पाकिस्तान नेशनल असेंबली (Pakistan National Assembly) के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ बताते हुए इसे खारिज कर दिया. आज डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ही सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे. लेकिन, अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या इमरान खान अपनी सरकार बचाने के लिए पहले से 'प्री प्लान' करके तैयार थे. आइए कुछ बिंदुओं के जरिए इसे समझते हैं.

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कॉन्फिडेंट दिखे इमरान खान

इमरान खान का सरकार बचाने का 'प्री प्लान' शायद पहले से तय था. क्योंकि, इस पूरे घटना क्रम में इमरान का कॉन्फिडेंस साफ झलक रहा था. इमरान खान कहीं से भी उदास नहीं दिख रहे. वीडियो संदेश के जरिए भी उनके चेहरे का कॉन्फिडेंस साफ दिख रहा था.

इन बिंदुओं से समझें एक के बाद एक घटनाक्रम

  • स्पीकर पहले से सेट

  • नेशनल असेंबली से इमरान गायब

  • इधर, सदन की कार्यवाही, उधर इमरान का राष्ट्रपति से मुलाकात करना

  • कुछ देर बाद इमरान का राष्ट्र के नाम संदेश

  • कुछ ही देर में स्पीकर का अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर देना

  • इमरान ने वीडियो संदेश जारी कर संसद भंग कर चुनाव की मांग की

पीएम पद पर बने रहेंगे इमरान, 90 दिन में होंगे चुनाव

फिर, पाकिस्तान के I&B मंत्री ने चुनावों का ऐलान कर दिया है. पाकिस्तान में आने वाले 90 दिनों के अंदर चुनाव कराए जाएंगे.

इमरान ने कहा- फॉरेन एजेंडा फेल हुआ, अब चुनाव हो

अपने संबोधन में इमरान खान ने कहा कि नेशनल असेंबली के स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को रिजेक्ट किया है. ये एक बाहर से प्लान किया हुआ अविश्वास प्रस्ताव था. इसके पीछे एक फॉरेन एजेंडा था. आज स्पीकर ने उसको रिजेक्ट किया है. मैं सारी कौम को आज मुबारक देता हूं. मुझे कल से इतने लोग पैगाम दे रहे थे. वे परेशान थे कि ये क्या हो रहा है.

सारी कौम के सामने ये एक गद्दारी हो रही थी. गद्दार बैठे हुए थे और साजिश हो रही थी. मैं उनको पैगाम देना चाहता हूं कि घबराना नहीं. अल्लाह इस कौम के ऊपर देख रहा है. इस तरह की साजिश कौम कामयाब नहीं होने देगी.

आज स्पीकर ने जो अपनी पावर यूज करके फैसला किया है, अब इसके बाद मैंने अब अभी से प्रेसिडेंट साहब को एडवाइज भेज दी है कि असेंबली डिजॉल्व करे. एक डेमोक्रेटिक सोसाइटी में हम अवाम के पास जाए. इलेक्शन हो. अवाम फैसला करे.

कोई बाहर से साजिश और पैसों की बोरियों से लोगों को खरीद कर इस मुल्क के लोगों की तकदीर का फैसला न करें.

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