पाकिस्तान (Pakistan) के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) लंदन में चार साल का आत्म-निर्वासन (Self Exile) (खुद के देश को छोड़कर विदेशी जमीन पर रहना) खत्म कर शनिवार, 21 अक्टूबर को स्वदेश लौटे. वे जनवरी 2024 में होने वाले चुनावों से पहले पाकिस्तान के मतदाताओं का समर्थन जीतने के इरादे से पाकिस्तान लौटे हैं.
वतन वापसी के बाद शरीफ ने इस्लामाबाद में एक रैली को संबोधित किया. उनके स्वदेश लौटने से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को भी मिल रहा है. कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न भी मनाया.
रैली को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा.
"मैं आज कई सालों बाद आपसे मिल रहा हूं, लेकिन आपसे मेरा प्यार का रिश्ता वैसा ही है. इस रिश्ते में कोई अंतर नहीं है... मुझे जेल में डाल दिया गया, मेरे खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए गए."नवाज शरीफ
लंदन से सऊदी अरब और आगे दुबई के लिए उड़ान भरने के बाद, शरीफ ने इस्लामाबाद पहुंचने के लिए दुबई से एक "विशेष फ्लाइट" ली.
पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) ने PML-N प्रमुख को वापस पाकिस्तान लाने के लिए एक विशेष विमान की अनुमति दी थी. एक अधिसूचना में कहा गया है कि एक चार्टर्ड विमान दुबई से इस्लामाबाद के लिए प्रस्थान करेगा और इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने इस्लामाबाद रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा कि, “आज मैं चार साल बाद पाकिस्तान जा रहा हूं और अल्लाह की रहमत से बहुत खुश हूं. अगर पाकिस्तान में स्थिति आज 2017 की तुलना में बेहतर होती तो यह बहुत अच्छा होता."
देश छोड़ने से लेकर घर वापसी तक
नवाज शरीफ ने 2013 में एक शानदार जीत हासिल करने का बाद सत्ता संभाली थी. उनका अंतिम कार्यकाल तत्कालीन विपक्ष की नाकेबंदी और 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने की वजह से प्रभावित हुआ. यह फैसला उनके पिछले दो कार्यकालों के दौरान कथित भ्रष्टाचार से संबंधित "पनामा पेपर लीक" मामले की सुनवाई के बाद आया था.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री को उनकी अनुपस्थिति में दोषी ठहराया गया था, क्योंकि तब वह लंदन में अपनी बीमार पत्नी के साथ थे.
13 जुलाई 2018 को, शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को लंदन से लाहौर पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया. मरियम PML-N की उपाध्यक्ष और मुख्य आयोजक हैं. जियो न्यूज के अनुसार, इस्लामाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद दोनों को राहत मिली. कोर्ट ने शरीफ और मरियम की रिहाई का आदेश दिया, साथ ही उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था.
हालांकि, उसी साल दिसंबर में, पाकिस्तान की एक एजेंसी (एनएबी) ने अल-अजीजिया चीनी मील मामले में शरीफ को सात साल कैद और 1.5 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट के 2016 के "पनामा-गेट" फैसले से निकले भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसी द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद शरीफ को सीधे अदालत से ही हिरासत में लिया गया था. इस फैसले के कारण शरीफ को एक दशक तक किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
अक्टूबर 2019 में, अल-अजीजिया मामले में अपनी सजा काटते समय शरीफ को स्वास्थ्य में खराबी के कारण राहत मिल गई, उनकी रिपोर्ट में कहा गया कि डॉक्टरों ने विदेश में चिकित्सा उपचार की सिफारिश की है.
पूर्व पीएम को चिकित्सा आधार पर चीनी मील मामले में अंतरिम जमानत मिल गई. इसके बाद, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने शरीफ को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण अल-अजीजिया मामले में आठ हफ्ते की जमानत दे दी.
नवंबर 2019 में, लाहौर हाई कोर्ट ने शरीफ को चार हफ्ते के लिए विदेश यात्रा करने की अनुमति दी, और इमरान खान सरकार को बिना कोई शर्त लगाए उनकी यात्रा पर प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ को अदालत ने ये अनुमति इस शर्त पर दी वे समय पर वापस लौट आएंगे. अदालत ने कहा कि अगर उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता तो उन्हें और अधिक समय के लिए विदेश में ठहरने की अनुमति दी जा सकती है.
1 सितंबर 2020 को इस्लामाबाद HC ने पूर्व पीएम को आत्मसमर्पण करने और अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. कोर्ट की ओर से 27 फरवरी को उनकी जमानत की अवधि समाप्त होने का हवाला दिया गया था. आदेशों का पालन न करने के कारण अदालत ने शरीफ के लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कई नोटिस, गिरफ्तारी वारंट और सार्वजनिक घोषणाओं के बावजूद, जानबूझकर देश नहीं लौटने और अदालत में पेश नहीं होने पर शरीफ को दोनों मामलों में "घोषित अपराधी" करार दिया गया था.
हालांकि, इस साल सितंबर में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, उनके भाई और तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 21 अक्टूबर को, शरीफ की पाकिस्तान वापसी की प्रत्याशित घोषणा की. यह घोषणा आगामी आम चुनावों की तैयारियों और नेशनल असेंबली के भंग होने के साथ मेल खाती है.
6 अक्टूबर को, पूर्व प्रधानमंत्री की एक हालिया मेडिकल रिपोर्ट लाहौर हाई कोर्ट को सौंपी गई थी, जिसमें लंबे समय तक हृदय संबंधी लक्षणों के कारण शरीफ की निरंतर निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया गया था.
जियो न्यूज के अनुसार, आखिरकार 19 अक्टूबर को शरीफ को भ्रष्टाचार के दो मामलों में सुरक्षात्मक जमानत दे दी गई और तोशाखाना मामले में उनके गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया गया, जिससे देश में उनकी वापसी के लिए सभी कानूनी बाधाएं दूर हो गईं.
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