पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (PIA) की लाहौर से कराची जा रही एक फ्लाइट 22 मई को कराची एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गई थी. इस हादसे में 97 लोगों की मौत हुई थी. 2 ही लोग जिंदा बचे थे. हादसे की जांच शुरू हो गई है. इसी बीच एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की एक रिपोर्ट सामने आई है. इससे पता चलता है कि पायलट को ऊंचाई कम करने की चेतावनी दी गई थी.
Geo न्यूज ने ATC की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि फ्लाइट PK-8303 के पायलट को तीन बार ऊंचाई और स्पीड कम करने की चेतावनी दी गई थी. हालांकि पायलट ने इन तीनों चेतावनियों पर ATC से कहा कि वो संतुष्ट हैं और स्थिति संभाल लेंगे.
एयरपोर्ट से 28 किमी पहले विमान 10,000 फीट पर था
फ्लाइट PK-8303 एक एयरबस A-320 विमान था. ये कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लगभग 15 नॉटिकल माइल्स (करीब 28 किमी) दूर था, जब ATC ने पहली चेतावनी जारी की. उस समय विमान करीब 10,000 फीट की ऊंचाई पर था, जबकि उसे लगभग 7,000 फीट पर होना चाहिए था.
ATC ने पायलट से ऊंचाई कम करने के लिए कहा, तो पायलट ने जवाब दिया कि वो संतुष्ट हैं. एयरपोर्ट से 10 नॉटिकल माइल्स (करीब 18 किमी) पहले विमान 3000 फीट की जगह 7000 फीट की ऊंचाई पर था.
दूसरी चेतावनी भी अनसुनी की
ATC ने एक बार फिर पायलट से विमान की ऊंचाई कम करने को कहा था. इस पर भी पायलट ने कहा कि वो स्थिति संभाल लेंगे और वो लैंडिंग के लिए तैयार हैं. पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार लैंडिंग की कोशिश के समय विमान रनवे से तीन बार टकराया था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस दौरान फ्रिक्शन और स्पार्क्स पैदा हुए थे.
लैंडिंग की दूसरी कोशिश नाकाम रही
पहली लैंडिंग की कोशिश फेल होने पर पायलट ने 'खुद ही' विमान को वापस घुमा के लाने का फैसला किया था. ATC की रिपोर्ट कहती है, "पायलट को कहा गया कि विमान को 3000 फीट की ऊंचाई पर ले जाएं, लेकिन वो 1800 तक ही ले जा पाए. जब ATC ने कॉकपिट से 3000 फीट की ऊंचाई की बात दोहराई, तो फर्स्ट अफसर ने कहा था कि हम कोशिश कर रहे हैं."
ATC की रिपोर्ट कहती है कि लैंडिंग की पहली कोशिश के दौरान विमान के इंजन का ऑयल टैंक और फ्यूल पंप शायद क्षतिग्रस्त हो गया होगा और वो लीक कर रहा होगा. इसी की वजह से पायलट को जरूरी ऊंचाई तक ले जाने का थ्रस्ट और स्पीड नहीं मिली.
दोबारा लैंडिंग की कोशिश करते समय ही पायलट ने ATC को बताया था कि लैंडिंग गियर काम नहीं कर रहे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि विमान का जरूरी ऊंचाई तक न जाना पान ये इशारा करता है कि इंजन ठीक से काम नहीं कर रहे थे. इसके बाद विमान एक तरफ झुका और क्रैश हो गया था.
विमान में काफी फ्यूल था
ATC की रिपोर्ट कहती है कि विमान में 2 घंटे 34 मिनट की उड़ान के लिए पर्याप्त फ्यूल था. वहीं उड़ान का कुल समय 1 घंटा 33 मिनट रिकॉर्ड किया गया है.
हादसे की जांच कर रही टीम के करीब तीन महीने में अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपने का अनुमान है. टीम देखेगी कि हादसा पायलट की गलती से हुआ था या कोई तकनीकी फॉल्ट था.
वहीं PIA की इंजीनियरियिंग और मेंटेनेंस डिपार्टमेंट का कहना है विमान का आखिरी चेक इस साल 21 मार्च को हुआ था. क्रैश से एक दिन पहले ही विमान मस्कट से लाहौर आया था.
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