पाकिस्तान (Pakistan) की शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग करने की कार्रवाई की वैधता पर चल रही सुनवाई को बुधवार, 6 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया.
चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-जजों की पीठ विपक्षी दलों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव का सामना करते इमरान खान के संसद को भंग करने और जल्द चुनाव कराने के फैसले को चुनौती दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट सरकार और विदेश नीति के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता- चीफ जस्टिस
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट राज्य और विदेश नीति के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता और केवल नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर दिए फैसले की वैधता की जांच करेगी.
इससे पहले SC ने पीएम इमरान के खिलाफ दायर अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल एसेंबली की कार्यवाही का रिकॉर्ड मांगा.
आज की सुनवाई की शुरुआत में PPP के सीनेटर रजा रब्बानी ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कहा था कि तीन महीने के भीतर आम चुनाव कराना संभव नहीं है. हालांकि ईसीपी ने चुनाव के संबंध में कोई भी बयान जारी करने से इनकार किया है.
रजा रब्बानी ने यह भी कहा कि अदालत को संसदीय कार्यवाही के लिए मिली "छूट" की सीमा की जांच करनी चाहिए. कोर्ट में उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ है उसे केवल सिविल मार्शल लॉ कहा जा सकता है.
पाकिस्तान में अमेरिका बेशर्मी से दे रहा दखल : रूस
रूस ने अमेरिका पर पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में "बेशर्म हस्तक्षेप का एक और प्रयास" करने का आरोप लगाया है. डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार,रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने फेसबुक पर एक बयान में कहा कि
"इस साल 23-24 फरवरी को इमरान खान की मॉस्को की यात्रा की घोषणा के तुरंत बाद अमेरिका और उनके पश्चिमी सहयोगियों ने प्रधान मंत्री इमरान खान पर कठोर दबाव डालना शुरू कर दिया और यात्रा को रद्द करने की मांग की"
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