प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथी बार चीन की सफल यात्रा कर लौट आए हैं. अपने दो दिवसीय अनौपचारिक बैठक के दौरान उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कई अहम मुद्दों पर बातचीत की. साथ ही चीनी राष्ट्रपति को भारत आने का न्यौता भी दिया.
मोदी ने कहा कि 2019 में उन्हें भारत में इस तरह की अनौपचारिक बैठक करके खुशी होगी. मोदी ने जिनपिंग से डेलिगेशन लेवल की बैठक के बाद कहा कि दोनों देश के बीच इस तरह की बैठक अब एक परंपरा बन जानी चाहिए. मोदी और जिनपिंग के बीच इन प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हुई.
संयुक्त आर्थिक अफगान परियोजना पर सहमति
भारत और चीन ने अफगानिस्तान में एक संयुक्त आर्थिक परियोजना पर सहमति जताई. नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच यहां दो दिवसीय शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी. दोनों देशों के अधिकारी भविष्य में होने वाली चर्चाओं में परियोजना की पहचान करेंगे और उसके तौर-तरीकों और रुपरेखा पर काम करेंगे.
संकट से घिरे अफगानिस्तान में भारत और चीन द्वारा शुरू की जाने वाली यह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी. उनकी यह पहल पाकिस्तान को परेशान कर सकती है.
आतंकवाद को बताया साझा खतरा
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को साझा खतरा बताया. इन दोनों नेताओं ने आतंकवाद विरोध पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई. विदेश सचिव विजय गोखले के मुताबिक, दोनों देशों के बीच कई ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जा रही है, जहां मिलकर काम किया जा सकता है.
संबंध मजबूत बनाने पर जोर
दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंध को ‘‘मजबूत'' करने पर विचार विमर्श किया. साथ ही संचार को मजबूत करने और विश्वास और समझ बनाने में अपनी-अपनी सेनाओं का कूटनीतिक तौर पर मार्गदर्शन करने का फैसला किया.
सीमा पर घटेगा तनाव
डोकलाम विवाद की वजह से रिश्तों मे आए तनाव को घटाने पर चर्चा हुई. मोदी और जिनपिंग ने सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने पर चर्चा हुई. इसके लिए दोनों नेता अपनी-अपनी मिलिट्री को रणनीतिक निर्देश देंगे. दोनों ओर की सेनाओं को आपसी विश्वास और भरोसा बनाए रखने के लिए लगातार बातचीत करने और संवाद बहाली को कहा जाएगा. दोनों ओर से विश्वास बहाली (CBM)के कदम उठेंगे.
एक साथ काम मिलकर करने पर जोर
पीएम मोदी ने सदियों पुराने चीन-भारत संबंधों की प्रशंसा करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक ‘‘बड़ा अवसर'' है.
मोदी ने कहा कि दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी के लिए काम करने की जिम्मेदारी भारत और चीन के ऊपर है. दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक बड़ा मौका है.
(इनपुटः PTI)
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