नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के संसदीय नेता के पद से हटा दिया गया है. इसके बाद नेपाल में सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर एक नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' और माधव कुमार नेपाल के बीच हुई एक बैठक के बाद ओली को पद से हटाने का निर्णय लिया गया है.
माधव कुमार नेपाल चुने गए नए नेता
इस गुट ने प्रचंड को पार्टी के संसदीय दल का नया नेता नियुक्त किया है, जिसे आमतौर पर नेपाल सरकार में शीर्ष पद का दावेदार माना जाता है.माधव कुमार नेपाल ने प्रचंड को संसदीय दल के नेता के रूप में प्रस्तावित करते हुए कहा, "ओली ने कई गलतियां कीं .. इसलिए हम उन्हें पार्टी अध्यक्ष और संसदीय दल के नेता के पद से हटाने के लिए मजबूर हुए." नेपाल ने कहा, "अगर वह अपनी गलती मानते हैं और माफी मांगते हैं, तो हम उन्हें पार्टी में फिर से स्वागत करने पर विचार कर सकते हैं."
इससे पहले मंगलवार को, पार्टी के प्रचंड-माधव गुट की एक केंद्रीय समिति की बैठक में ओली को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. माधव कुमार नेपाल ने प्रचंड का नाम पार्टी संसदीय नेता के रूप में प्रस्तावित किया.
केपी ओली से नाराज है प्रचंड-माधव गुट
इस बीच, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के प्रचंड-माधव गुट ने चुनाव आयोग में ये दावा किया कि उनका गुट पार्टी में बहुमत रखता है और इसलिए उन्हें आधिकारिक मान्यता दी जाए. ओली को चुनौती देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड और माधव नेपाल के नेतृत्व वाले गुट ने मंगलवार को पीएम ओली के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था.
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) नेपाल में सत्तारूढ़ पार्टी है और इसके दो सेवारत अध्यक्ष पहले से ही हैं- ओली और प्रचंड. सत्तारूढ़ एनसीपी में विवाद तब और तेज हो गया जब ओली ने रविवार को प्रतिनिधि सभा भंग कर दी.
प्रचंड के खेमे की केंद्रीय समिति की बैठक में ओली के सदन भंग करने के फैसले के बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर संकट आ गया, जिसके बाद ओली को पद से हटाने का फैसला लिया गया.
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