13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी ब्रिटेन पहुंच चुका है और वह वहां राजनीतिक शरण लेना चाहता है. इस घोटाले के खुलासे के बाद से नीरव मोदी फरवरी से ही देश से फरार है.
राजनीतिक शरण की फिराक में नीरव
फाइनेंशियल टाइम्स ने भारतीय और बिट्रिश अधिकारियों के हवाले से दावा किया है कि नीरव ब्रिटेन में शरण पाने की कोशिशों में लगा हुआ है. इसकी वजह वह राजनीतिक रूप से खुद को सताया जाना बता रहा है. हालांकि जब रॉयटर्स ने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट पर ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने बताया कि वह व्यक्तिगत मामलों पर जानकारी नहीं देते है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्रालय ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि भारत सरकार खुद उसका इंतजार कर रही है. देश की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां उसका प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन यह हो नहीं पाया. हालांकि मंत्रालय ने कई सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया है.
नीरव मोदी समेत 23 के खिलाफ चार्जशीट
पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएनबी घोटाले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत 23 के खिलाफ चार्जशीट दायर किया. इसमें नीरव मोदी के पिता, बहन और साले का भी नाम है. यह घोटाला साल 2011 से 2017 के बीच किया गया है, जिसमें अवैध रूप से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिग (एलओयूज) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसीज) जारी कराए गए थे.
विजय माल्या भी ब्रिटेन में
भारत के भगोड़े काराबोरी विजय माल्या भी 2016 में देश छोड़कर ब्रिटेन फरार हो चुका है और वहीं रह रहा है. भारत सरकार पहले से ही भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है. इस मामले में पिछले साल ब्रिटेन की अदालत में सुनवाई भी शुरू हुई थी. लेकिन अब तक माल्या का प्रत्यर्पण नहीं हो पाया है.
ऐसे में अब अगर नीरव मोदी भी माल्या की तरह ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेने में कामयाब हो जाता है, तो भारत के लिए उसका प्रत्यर्पण कराना आसान नहीं रहेगा.
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