मॉस्को की एक कोर्ट ने अवैध कंटेंट को हटाने में बार-बार विफल रहने के आरोप में अल्फाबेट कंपनी के Google पर 7.2bn रूबल (£73m या 735 करोड़ रुपये) जुर्माना लगाया है. द गार्डियन के रिपोर्ट के अनुसार Google ने एक ईमेल में कहा कि वह आगे के कदमों पर निर्णय लेने से पहले कोर्ट के फैसले का अध्ययन करेगा.
मॉस्को ने इस साल एक कैम्पेन में बिग टेक कंपनियों पर दबाव बढ़ा दिया है, जिसे आलोचक रूसी अधिकारियों द्वारा इंटरनेट पर कड़े नियंत्रण के प्रयास के रूप में देख रहे हैं तथा व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट स्वतंत्रता के लिए खतरा बता रहे हैं.
रूस ने पहली बार लगाया रेवेन्यू के एक हिस्से पर जुर्माना
वैसे तो रूस ने इस पूरे साल विदेशी बिग टेक कंपनियों पर छोटे जुर्माने लगाए हैं, लेकिन शुक्रवार, 24 नवंबर को पहली बार जुर्माने के रूप में किसी कंपनी के वार्षिक रूसी कारोबार का प्रतिशत वसूला गया है.
रॉयटर्स की कैलकुलेशन से पता चलता है कि यह जुर्माना गूगल के रूसी कारोबार के 8% से भी अधिक के बराबर है.
रूस ने टेक कंपनियों को ड्रग्स के दुरुपयोग और घर के तैयार हो सकने लायक खतरनाक हथियारों और विस्फोटकों के बारे में जानकारी वाले कंटेंट के साथ-साथ उन समूहों को हटाने का आदेश दिया है जिन्हें वह चरमपंथी या आतंकवादी बताता है.
कई मुद्दों पर गूगल और रूस के बीच विवाद
पिछले हफ्ते ही एक रूसी व्यवसायी, जिसपर प्रतिबंध लगे हैं, ने एक कोर्ट केस में Google पर जीत का दावा किया है. इसके परिणामस्वरूप इस टेक कंपनी पर एक और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.
साथ ही मॉस्को ने यह भी मांग की है कि 13 विदेशी और ज्यादातर अमेरिकी टेक कंपनियों (जिनमें Google और मेटा प्लेटफॉर्म शामिल हैं) को 1 जनवरी तक रूसी धरती पर स्थापित किया जाए. अगर कंपनियां यह करने में विफल रहती है तो उन्हें संभावित बैन का सामना करना पड़ेगा.
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