आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू बक्र अल बगदादी के मारे जाने के बाद लगातार कई तरह के दावे सामने आ रहे हैं. अब इस मामले पर कुर्दों की अगुवाई वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) के वरिष्ठ सलाहकार पोलट कैन के कुछ दावे सामने आए हैं. कैन ने कहा है कि अमेरिका के जिस ऑपरेशन के दौरान बगदादी मारा गया है, उसमें उनके ग्रुप की बड़ी भूमिका थी.
कैन ने ट्विटर पर कहा है, ''15 मई से हम बगदादी की जानकारी जुटाने और उस पर करीबी निगरानी रखने के लिए CIA के साथ काम कर रहे थे.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा है, ''हमारा एक सोर्स उस जगह पहुंचने में सफल हो गया, जहां अल बगदादी छिपा हुआ था. अल बगदादी ने जल्दी-जल्दी अपने ठिकाने बदले थे. वह जेराब्लस में एक नई जगह पर जाने वाला था.''
कैन ने दावा किया है- ‘’बगदादी तक पहुंचने वाला हमारा सोर्स उसका अंडरवियर ले आया, जिससे DNA टेस्ट किया जा सके और इस बात की पुष्टि की जा सके कि संदिग्ध व्यक्ति बगदादी ही है.’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा है, ''एक महीने से ज्यादा समय पहले बगदादी को ढेर करने का फैसला किया गया था. हालांकि अमेरिका के जाने और तुर्की के हमले की वजह से हमें अपने खास ऑपरेशन रोकने पड़े.''
कैन ने दावा किया है कि बगदादी से संबंधित खुफिया जानकारी का मिलना और उसके ठिकाने की पहचान उनके ग्रुप के काम का नतीजा था.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बगदादी के मारे जाने का ऐलान करते वक्त सीरियाई कुर्द फोर्सेज का शुक्रिया अदा किया था. ट्रंप ने कहा था कि एक DNA टेस्ट से बगदादी की पहचान की पुष्टि हुई थी. इसके साथ ही उन्होंने तुर्की, इराक, सीरिया और रूस को भी सहयोग के लिए धन्यवाद कहा था.
बगदादी के सहयोगी ने दी थी उसकी जानकारी: रिपोर्ट
बगदादी की मौत के बाद कई दावों में से एक दावा न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में भी सामने आया. इस रिपोर्ट में इराकी रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया गया है- इराकी खुफिया एजेंसियों को लंबे समय से बगदादी की तलाश थी. इन एजेंसियों को फरवरी 2018 में बगदादी के एक सहयोगी से उसके ठिकानों और आवाजाही से संबंधित बड़ी जानकारी मिली थी.
इस्माइल अल-इथावी नाम के बगदादी के इस सहयोगी को तुर्की ने गिरफ्तार करके इराक को सौंपा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक इराकी रक्षा अधिकारी ने बताया, ‘’इथावी ने अहम जानकारी दी थी, जिससे इराकी मल्टी-सिक्योरिटी एजेंसीज टीम को बगदादी की आवाजाही और उसके छिपने के ठिकानों से जुड़ी पहेली सुलझाने में मदद मिली थी.’’
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