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अब Tik Tok बना ISIS का हथियार,सर्कुलेट कर रहा प्रोपेगेंडा वीडियो

सीरिया से अमेरिकी फौजों की वापसी को देखते हुए आईसआईएस ज्यादा से ज्यादा लड़ाकों को भर्ती कर रहा है

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कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस ने अपने एजेंडे के लिए टिक-टॉक को हथियार बनाना शुरू किया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. अखबार के मुताबिक आईएसआईएस अपने धार्मिक प्रोपगंडा के लिए इस वीडियो ऐप का इस्तेमाल कर रहा है.

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सोशल मीडिया इंटेलिजेंस कंपनी ने पकड़े आईएसआईएस के वीडियो

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में सोशल मीडिया इंटेलिजेंस कंपनी स्टोरीफुल का हवाला दिया है, जिसने इस प्लेटफॉर्म पर जिहादी एजेंडे वाले अकाउंट ट्रैक किए हैं. कंपनी का कहना है कि टिक-टॉक पर कुछ ऐसे वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जो आईएसआईएस के अभियान में युवाओं को शामिल करने की अपील जैसे लग रहे हैं. सीरिया से अमेरिकी फौजों की वापसी को देखते हुए आईएसआईएस एक बार फिर ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपने अभियान में शामिल करने का एजेंडा चला रहा है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल का सामना ऐसे वीडियो से हुआ जिनमें लाशें दिखाई गई थीं. आईएस फाइटर गन लेकर परेड कर रहे थे. ऐसी महिलाएं भी दिखाई गई थीं जो कह रही थीं कि वे जिहादी हैं और इस पर उन्हें गर्व है. टिक-टॉक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में अरबी गाने गाए जा रहे हैं. ऐसे गानों में आईएस के साथ वफा की कसमें खाई जा रही हैं.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की इस रिपोर्ट के बाद टिक-टॉक ने उन अकाउंट्स को ट्रैक किया जो सीधे आईएसआईएस से जुड़े हुए थे और उसके लिए प्रोपगंडा वीडियो सर्कुलेट कर रहे थे. अब टिक-टॉक ने यह दावा किया है उसने अपने प्लेटफॉर्म से इस तरह के दर्जनों अकाउंट हटा दिए हैं. 
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टिक-टॉक के प्रवक्ता ने कई बार कहा है कि ऐप अपने प्लेटफॉर्म से ऐसे वीडियो हटा देता है लेकिन इस पर आईएसआईएस के प्रोपंगडा वीडियो का आना जारी है.

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टिक-टॉक के लिए मुसीबत बढ़ी

टिक-टॉक के लिए यह एक नया चैलेंज है. अमेरिका, चीन और भारत में यह काफी लोकप्रिय हो चुका है. लगभग 50 करोड़ यूजर बेस वाले इस वीडियो ऐप का भारत में प्रोपगंडा करने में खूब इस्तेमाल हो रहा है.

कुछ महीनों पहले ‘द क्विंट’ से बात करते हुए टिक-टॉक के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद आपत्तिजनक कंटेंट को हटा देती है. इसके लिए 20 देशों में इसकी टीम है, जो इसके लिए मशीन लर्निंग टूल्स का भी इस्तेमाल करती है. टिक-टॉक अब 36 भाषाओं के कंटेंट पर नजर रख रहा है.

सीमिलर वेब के एक आंकड़े के मुताबिक टिक-टॉक के ज्यादातर यूजर 16 से 24 साल की उम्र के हैं. यानी मिलेनियल ऑडियंस में इसकी काफी पैठ है. शायद यही वजह है कि युवाओं को अपने प्रोपगंडा की तरफ आकर्षित करने के लिए आईएसआईएस टिक-टॉक के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है.

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