टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी अब पूरी तरह ट्रेड वॉर में तब्दील हो गई. अमेरिका ने शुक्रवार को पहला हमला करते हुए चीन के 34 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ बढ़ा दिया. वहीं चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इतनी ही रकम के अमेरिकी सामानों पर टैरिफ ठोक दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर चीन जवाबी कार्रवाई करता है तो वह और बड़ा हमला करेंगे.
अमेरिका ने धमकी दी है वह चीन के खिलाफ 500 अरब डॉलर तक के सामानों पर टैरिफ बढ़ा सकता है. ट्रेड वॉर में आई इस तेजी के बाद दुनिया भर में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि कारोबारी हमलों का सिलसिला और बढ़ेगा और दुनिया भर की इकोनॉमी को इसका करारा झटका सहना पड़ेगा.
चीन के इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी
चीन का हर माल अब अमेरिका में महंगा होना शुरू हो जाएगा. पहले चरण में कुछ चीजों पर ड्यूटी लगी है और आगे चलकर दूसरे आइटम भी इसके दायरे में आते जाएंगे.
- चीन का माल जिन पर ड्यूटी लगेगी
- ट्रैक्टर और खेती का सामान
- सेमीकंडक्टर
- विमानों के कलपुर्जे
चीन का जवाबी कदम
चीन ने भी अमेरिकी इंपोर्ट पर ड्यूटी लगाने का ऐलान कर दिया है. इससे अमेरिकी इंपोर्ट चीन में महंगा हो जाएगा.
- पोर्क
- सोयाबीन
- दूसरी फसलें
चीन ने कहा है कि वो मजबूरी में अमेरिकी इंपोर्ट पर ड्यूटी बढ़ा रहा है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग के मुताबिक अमेरिका ने अर्थव्यवस्था के इतिहास में सबसे बड़ा ट्रेड वॉर शुरू किया गया है. जो ड्यूटी लगाई गई हैं वो वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियमों का सरासर उल्लघंन है. उन्होंने कहा कि चीन ऐसी धमकियों से डरने और झुकने वाला नहीं है. जानकारों के मुताबिक ट्रेड वॉर दुनिया को आर्थिक संकट में झोंक सकता है.
ट्रेड वॉर का असर
- दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट
- इकनॉमिक रिकवरी रिवर्स गियर में
- मल्टीनेशनल कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान
- कंज्यूमर के लिए भी नुकसानदेह
- प्रोडक्ट की लागत बढ़ेगी, महंगाई बढ़ने का खतरा
पहला मौका है जब अमेरिकी ने सिर्फ चीनी सामान पर ही ड्यूटी लगाई है.ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स में एशियाई मामलों के चीफ इकनॉमिस्ट लुइस कुजीज के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी इकनॉमी का फैसला बकवास है.
अमेरिका-चीन कारोबार
ट्रंप इस बात से बेहद नाराज हैं कि चीन के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 336 अरब डॉलर है जिसकी वजह से अमेरिकी लोगों की नौकरियां जा रही हैं. और चीन इसे कम करने की कोई पहल नहीं कर रहा है.
लेकिन अमेरिकी कंपनियों को फिक्र है कि इसका नुकसान भी हो सकता है क्योंकि इस वक्त अमेरिका की अर्थव्यवस्था नौ सालों में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही है. बेरोजगारों की संख्या सबसे निचले स्तर पर है. ऐसे में मांग कम होने से नुकसान होने की आशंका है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने चेतावनी दी है कि अच्छी भली गलोबल अर्थव्यवस्था को जोर का झटका लग सकता है.
दुनिया क्यों घबराई है?
अगर अमेरिका और चीन ने ट्रेड वॉर को आगे नहीं बढ़ाया तो शायद हालात सुधर जाएं पर मामला बिगड़ा तो स्थितियां बिगड़ सकती हैं. ट्रंप ने धमकी दी है कि उसके साथ कारोबार करने वाले देशों ने अगर अमेरिकी सामान के लिए अपने बाजार नहीं खोले तो वो सभी देशों के इंपोर्ट पर 10 परसेंट ड्यूटी ठोक देंगे.
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक अगर ऐसा हुआ तो अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ 2020 तक 0.8 परसेंट कम हो सकती है. बैंक ऑफ मैरिल लिंच के एथॉन हैरिस के मुताबिक अगले कुछ माह में दोनों पक्षों को दर्द का अहसास जरूर होगा.
ट्रेड वॉर का नुकसान
- नौकरियां जाएंगी
- निवेश कम होगा
- भरोसा घटेगा
- शेयर बाजार में गिरावट का खतरा
चीन क्या करेगा
- इंपोर्ट ड्यूटी लगाएगा
- अमेरिकी कंपनियों पर जवाबी कार्रवाई करेगा
- अमेरिकी ट्रेजरी में निवेश घटा सकता है
जानकारों का कहना है कि चीन और अमेरिका के इस ट्रेड वॉर में दोनों देशों को घाटा होगा. लेकिन अमेरिकी कंपनियों पर दबाव ज्यादा होगा क्योंकि अमेरिकी प्रोडक्शन में चीन कच्चे माल की भरमार है. अमेरिकी में बेरोजगारी की दर हाल के दिनों में घटी है. लेकिन चीनी सामान पर निर्भर अमेरिकी कंपनियों का मुनाफा घटा तो अमेरिका में रोजगार बढ़ने की दर घट सकती है. यह ट्रंप के लिए नई मुसीबत बन सकती है.
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