संयुक्त राष्ट्र में 23 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक पुरानी टीस फिर उभर आई. उन्होंने कहा कि यह अन्याय है कि उन्हें कभी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला. ट्रंप ने शिकायत भरे लहजे में कहा, ‘‘मुझे कई चीजों के लिए नोबेल पुरस्कार मिलता अगर वे इसे निष्पक्ष तरीके से देते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’’
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा को साल 2009 में दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार दिए जाने पर हैरानी जताई.
बता दें कि ओबामा को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था. ट्रंप ने कहा, ‘‘उन्होंने ओबामा के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद उन्हें पुरस्कार दे दिया और उन्हें पता तक नहीं था कि उन्हें यह क्यों मिला. आप जानते हैं? मैं बस इस बात पर उनसे सहमत हूं.’’
ट्रंप संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ द्विपक्षीय बैठक में बोल रहे थे. इस दौरान ट्रंप ने खुद को बहुत अच्छा मध्यस्थ्य भी बताया.
इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान तैयार हों तो मैं कश्मीर पर मध्यस्थता कराने को तैयार हूं. हालांकि ट्रंप पहले भी कश्मीर पर मध्यस्थता का राग छेड़ चुके हैं.
ट्रंप और खान ने जुलाई में व्हाइट हाउस में बैठक की थी. दोनों के बीच उस बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की इच्छा जताई थी. भारत ने उसे खारिज कर दिया था. पिछले महीने फ्रांस में जी7 सम्मेलन के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी की ट्रंप के साथ बैठक के दौरान पीएम ने कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की गुजाइंश से साफ तौर पर इनकार किया था.
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