अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (Sheikh Mohamed bin Zayed Al Nahyan) को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का नया राष्ट्रपति चुना गया है. 61 वर्षीय मोहम्मद बिन जायद, शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के बाद देश के तीसरे राष्ट्रपति होंगे, जिनका शुक्रवार को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.
सवाल है कि MBZ के रूप में जाने जाने वाले मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के नेतृत्व में इस खाड़ी देश का भविष्य क्या होगा, सत्ता का किस हद तक केन्द्रीकरण होगा और सामरिक मुद्दों पर क्या UAE का मौजूदा स्टैंड बदलेगा?
इन सवालों के जवाब से पहले जानते हैं कि गुजर चुके पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान अपने पीछे कैसा UAE छोड़ कर गए हैं.
शेख खलीफा नए राष्ट्रपति के लिए कैसा UAE छोड़ गए हैं?
1948 में जन्मे शेख खलीफा UAE को आजादी मिलने से दो साल पहले 1969 में प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने नवंबर 2004 में UAE के दूसरे राष्ट्रपति के रूप कुर्सी संभाली थी, जब उन्होंने अपने पिता और UAE के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान की जगह ली थी.
विदेश नीति के मोर्चे पर शेख खलीफा के नेतृत्व में UAE का स्टैंड देखना हो तो एक नजर उनकी मौत पर अमेरिका और रूस की प्रतिक्रिया पर डालिए.
शेख खलीफा को "अमेरिका का एक सच्चा दोस्त" बताते हुए, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने "अमेरिका और UAE की सरकारों और लोगों के बीच लंबे समय से संबंधों को और मजबूत कर उनकी स्मृति का सम्मान करने" का संकल्प लिया है.
दूसरी तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शेख खलीफा को रूस और यूएई के बीच दोस्ताना संबंधों और रचनात्मक सहयोग को मजबूत करने के लिए बहुत कुछ करने का श्रेय दिया.
आगे राजनीतिक शक्ति का केंद्रीकरण हो सकता है?
2014 में शेख खलीफा को दिल का दौरा पड़ने के बाद ही उनके भाई मोहम्मद बिन जायद ने कमान संभाल ली थी, जो 2004 में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस बने थे. 2014 के बाद से तात्कालिक राष्ट्रपति शेख खलीफा शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से देखे गए, हालांकि उन्होंने सरकारी फरमान जारी करना जारी रखा था लेकिन असली नियंत्रण मोहम्मद बिन जायद के हाथ में ही था.
अब मोहम्मद बिन जायद (MBZ) UAE के राष्ट्रपति और अबू धाबी के वास्तविक शासक बन गए हैं. यह देखते हुए कि 2014 से MBZ का नियंत्रण UAE पर रहा है, इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि शासन या प्रमुख विदेश नीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.
हालांकि इसको लेकर अटकलें तेज हैं कि UAE में तेजी से राजनीतिक शक्ति का केंद्रीकरण हो सकता है. अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार किंग्स कॉलेज लंदन में स्कूल ऑफ सिक्योरिटी स्टडीज में असिस्टेंट प्रोफेसर एंड्रियास क्रेग का कहना है कि
"MBZ के अब औपचारिक रूप से राष्ट्रपति बनने के साथ, यह स्पष्ट है कि अल नाहयान UAE का शाही परिवार बन रहा है. यह निश्चित रूप से अबू धाबी को शक्ति के अधिक केंद्रीकरण की ओर ले जायेगा और संघवाद (फेडरलिस्म) की भावना कमजोर होगी"
एक बड़ा सवाल यह भी है कि देश के अगले क्राउन प्रिंस के रूप में MBZ की जगह कौन लेगा. इस सवाल का जवाब UAE के भविष्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
"अबू धाबी के अगले क्राउन प्रिंस के रूप में MBZ की जगह कौन लेगा" के संवेदनशील सवाल से आगे एक बड़ा सवाल यह भी है कि अबू धाबी, दुबई और अन्य पांच अमीरातों का एक-दूसरे से कैसा संबंध रहेगा अगर UAE के राष्ट्रपति MBZ देश को एकात्मक राज्य में बदलने का फैसला लेते हैं.
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