ब्रिटेन की एक अदालत ने विजय माल्या से कहा है कि वे 13 भारतीय बैंकों को उसके साथ कानूनी लड़ाई में हुई लागत राशि में कम से कम 2,00,000 पौंड, यानी लगभग 1.81 करोड़ रुपये का भुगतान करे. ये बैंक माल्या से अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
जस्टिस एंड्रयू हेनशॉ ने पिछले महीने माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने के एक आदेश को पलटने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय अदालत की इस व्यवस्था को सही ठहराया कि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाला 13 भारतीय बैंकों का समूह माल्या से लगभग 1.145 अरब पौंड की वसूली का हकदार है.
इस आदेश के तहत अदालत ने माल्या से कहा कि वह ब्रिटेन में कुर्की आदेश और कर्नाटक के कर्ज वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के फैसले के रजिस्ट्रेशन मद में लागत का भुगतान करे.
“अदालत ने माल्या को आदेश दिया कि बैंक की लागत का भुगतान किया जाए. मानक आदेश है कि अगर सम्बद्ध पक्ष भुगतान की जाने वाली राशि को लेकर सहमत नहीं हुए, तो अदालत इसका आकलन करेगी. अदालत की ओर से आकलन का लागत एक अलग प्रक्रिया है, जो कि विशेष जज (लागत) के सामने अन्य अदालती सुनवाई के साथ खत्म होगी. लेकिन इस बीच माल्या को कानूनी लागत जवाबदेही के मद में 2,00,000 पौंड का भुगतान करना ही होगा.”- कानूनी विशेषज्ञ
कौन से बैंक हैं वसूली के हकदार
जस्टिस हेनशॉ ने इस बारे में भारत की एक अदालत के उस आदेश को सही ठहराया कि 13 बैंकों के समूह को माल्या से लगभग 1.145 अरब पौंड की वसूली का अधिकार है. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ौदा , कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, आईडीबीआई बैंक , इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी शामिल है.
बता दें कि भारत से भागे माल्या पर भारतीय बैंकों को लगभग 9000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. वह खुद को भारत प्रत्यार्पित किए जाने के खिलाफ एक अलग मामला लड़ रहे हैं. इस मामले में लंदन की एक अदालत में अंतिम सुनवाई अगले महीने होनी है.
(इनपुट: भाषा)
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