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ट्रेड वॉर में सुलह की उम्मीद,अमेरिका करेगा चीन से बातचीत 

चीन ने अमेरिका के प्रस्ताव का स्वागत किया है

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आपसी कारोबार को लेकर अमेरिका और चीन नए दौर की बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं. इससे दोनों देशों की बीच तेज होते जा रहे ट्रेड वॉर के थोड़ा धीमा पड़ने की उम्मीद बढ़ गई है. चीन ने बातचीत को लेकर अमेरिका के प्रस्ताव का स्वागत किया है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि अमेरिका से बातचीत के न्योते पर विचार हो रहा है.

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वाशिंगटन में हो सकती है बातचीत

चीन को अमेरिका से बातचीत का यह न्योता वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन ने दिया है. इस बातचीत से जुड़ी जानकारी ने लोगों ने कहा कि अगर चीन राजी हुआ तो यह वाशिंगटन में हो सकती है. अमेरिका ने चीन के साथ अपने व्यापार घाटे को कम करने के लिए उसके सामानों पर टैरिफ बढ़ाने की शुरुआत की है. चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की है.

अमेरिका का कहना है कि चीन इंटेलक्चुअल प्रॉपर्टी नियमों का उल्लंघन कर रहा है और उसकी टेक्नोलॉजी चुरा रहा है. अमेरिका जुलाई से अब तक चीन के 50 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ लगा चुका है.

इस बातचीत की उम्मीद से डो जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज पॉजिटिव हो गया. साथ ही उभरती अर्थव्यवस्थाओं से जुड़े शेयरों में उछाल दिखा. चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा अगर अमेरिका ने चीन के 200 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ लगाया तो इससे अमेरिका, चीन समेत पूरी दुनिया को नुकसान होगा. चीन ने अमेरिका से कहा है कि वह डब्ल्यूटीओ के नियमों को देखे और बदले की कार्रवाई से बचे. चीन और अमेरिका की ओर से उठाए गए कदमों में अब भी काफी अंतर है. फिर भी चीन अमेरिका के न्योते को मंजूर करेगा और शायद उप प्रधानत्री ल्यू ही वाशिंगटन बातचीत के लिए जाएंगे. वह ऐसी ही एक दौर की बातचीत का नेतृत्व कर चुके हैं.

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पहले कार्रवाई की धमकी और अब समझौते की तैयारी

चीन और अमेरिका के बीच बातचीत के इस प्रस्ताव से कुछ ही दिन पहले ट्रंप ने चीन के सभी सामानों पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी. हालांकि अमेरिका ने अभी चीन के 200 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ नहीं लगाया है.

ट्रंप ने कहा था कि वह चीन के 267 अरब डॉलर के चीनी सामानों पर टैरिफ लगाने के लिए तैयार हैं. ट्रंप ने कहा था कि वह एक सप्ताह के शॉर्ट पीरियड में यह टैरिफ लगा सकते हैं. टैरिफ के दायरे में कपड़े से लेकर एपल के स्मार्टफोन तक आ जाएंगे. इसके बाद चीन ने कहा कि अगर उसे मजबूर किया गया तो वह जवाबी कार्रवाई की जाएगी. चीन और अमेरिका के इन पैंतरों से ग्लोबल इकोनॉमी को और झटके लगने की आशंका पैदा हो गई है. वैसे बातचीत के बाद सुलह होती है तो यह एक अच्छा संकेत है.

इनपुट : ब्लूमबर्गक्विंट

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