अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एमी कोनी बैरेट (Amy Coney Barrett) को सुप्रीम कोर्ट की नई जस्टिस के रूप में नॉमिनेट किया है. व्हाइट हाउस में बोलते हुए, ट्रंप ने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट के लिए हमारे देश के सबसे प्रतिभाशाली और गिफ्टेड कानूनी दिमागों में से एक को नॉमिनेट करना मेरे लिए सम्मान की बात है.'' ट्रंप ने कहा कि बैरेट अद्वितीय उपलब्धि वाली महिला हैं.
ट्रंप ने कहा, ‘’यह मेरा तीसरा ऐसा नॉमिनेशन है.... और यह वास्तव में बहुत गर्व का पल है.’’ उन्होंने बैरेट से कहा, ‘’आप शानदार काम करने जा रही हैं.”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''अगर यह कन्फर्म होता है, तो जस्टिस बैरेट अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सेवा देने वाली पहली स्कूल-एज्ड बच्चों की मां के तौर पर इतिहास बनाएंगी.''
ट्रंप ने कहा, ‘’मैं लॉमेकर्स और मीडिया के सदस्यों से व्यक्तिगत या पक्षपात भरे हमलों से बचने का अनुरोध करता हूं’’
बैरेट दिवंगत दक्षिणपंथी जस्टिस एंटोनिन स्कैलिया की पूर्व लॉ क्लर्क हैं. वह 7वें सर्किट के लिए यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स में तीन साल तक फेडरल जज रही हैं.
रूथ बदेर गिन्सबर्ग के निधन के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस का पद खाली हुआ है. हाल ही में गिन्सबर्ग का कैंसर से निधन हो गया था. वह 87 साल की थीं. अमेरिका की शीर्ष अदालत में जस्टिस के पद पर पहुंचने वाली गिन्सबर्ग दूसरी महिला थीं.
सीनेट की मंजूरी मिलना जरूरी
राष्ट्रपति की अनुशंसा के बाद बैरेट के नाम को सीनेट की मंजूरी मिलनी जरूरी है. राष्ट्रपति चुनाव में 40 से भी कम दिन बचे हैं ऐसे में जस्टिस को नॉमिनेट करने के अपने कदम का बचाव करते हुए ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के संविधान के तहत यह उनका सर्वोच्च और सबसे अहम कर्तव्य है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, किसी जज के लिए राष्ट्रपति चुनाव वाले सालों में जुलाई के बाद वोट नहीं किया गया है. चार साल पहले, सीनेट रिपब्लिकन्स ने स्कैलिया की जगह जज मैरिक बी गारलैंड के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा के नॉमिनेशन पर विचार तक करने से इनकार कर दिया था, जिसका ऐलान चुनाव के दिन से 237 दिनों पहले किया गया था. इसके पीछे दलील दी गई थी कि इसका फैसला अगले राष्ट्रपति पर छोड़ देना चाहिए.
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