ट्विटर अकाउंट्स हटाने को लेकर भारत सरकार बनाम ट्विटर का विवाद जारी है. इसी बीच अब अमेरिका ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने कहा है कि वो दुनियाभर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करता है.
US डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम दुनियाभर में अभिव्यक्ति की आजादी समेत सभी लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करते हैं. जब ट्विटर की पॉलिसी की बात आती है, तो हम इसे ट्विटर पर ही छोड़ देते हैं.”
आईटी मंत्री ने जताई नाराजगी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार, 11 फरवरी को राज्यसभा में कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. आईटी मंत्री ने कहा कि अगर कोई फेक न्यूज या नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग करता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
प्रसाद ने सोशल मीडिया कंपनियों को भी सख्त हिदायत दी. उन्होंने कहा, “आपके भारत में लाखों फॉलोअर्स हैं, आप बिजनेस करने और पैसा कमाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन आपको भारतीय संविधान का पालन करना होगा.”
आईटी मंत्री ने आगे कहा, “हम सोशल मीडिया का सम्मान करते हैं, इसने आम लोगों को सशक्त बनाया है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है. हालांकि, अगर फर्जी खबरों और हिंसा फैलाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी.”
ट्विटर और भारत सरकार की बैठक
ट्विटर के साथ बढ़ते विवाद के बीच 10 फरवरी को ट्विटर के अधिकारियों और लीगल टीम के साथ भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बैठक की. इस बैठक में भारत सरकार ने ट्विटर से कहा कि उसे भारतीय कानून और लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना चाहिए. साथ ही अमेरिका के कैपिटल हिल और भारत के लाल किले की घटना में अलग-अलग रवैये को लेकर भी नाराजगी जताई.
क्या है पूरा विवाद?
भारत सरकार ने ट्विटर को एक हजार से ज्यादा अकाउंट्स की लिस्ट भेजकर इन्हें ब्लॉक करने के लिए कहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार की तरफ से कहा गया था कि ये अकाउंट्स कथित तौर पर किसान आंदोलन को लेकर गलत सूचनाएं और भड़काऊ साम्रगी फैला रहे थे.
ट्विटर ने 10 फरवरी को बताया कि उसने भारत में सरकार की ओर से बताए गए अकाउंट्स में से कुछ पर रोक लगा दी है.
ट्विटर ने अपने ब्लॉगपोस्ट में कहा, “हमने भारत के अंदर अपनी कंट्री विदहेल्ड पॉलिसी के तहत ब्लॉकिंग ऑर्डर्स में पहचाने गए कुछ अकाउंट्स पर रोक लगा दी है. ये अकाउंट भारत के बाहर उपलब्ध रहेंगे. हालांकि, हमने उन अकाउंट्स पर कोई कार्रवाई नहीं की है जिनमें न्यूज मीडिया संस्थाएं, पत्रकार, एक्टिविस्ट और राजनेता शामिल हैं. हम स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार की वकालत करते रहेंगे, और भारतीय कानून के तहत विकल्प तलाश रहे हैं.”
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 4 फरवरी को, सरकार ने ट्विटर को करीब 1200 अकाउंट्स की एक लिस्ट भेजी थी, जिनको भारत में सस्पेंड या ब्लॉक करने के लिए कहा गया था. नोटिस में कहा गया था कि सुरक्षा एजेंसियों ने इन अकाउंट्स की पहचान खालिस्तान का समर्थन करने वाले और पाकिस्तानी समर्थन पाने वाले अकाउंट्स के तौर पर की थी.
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