अमेरिकी रक्षा सचिव माइम पॉम्पियो ने शनिवार को ताइवान से संपर्क पर लगी बाध्यताओं को खत्म कर दिया. यह बाध्यताएं अमेरिकी डिप्लोमेट्स के ताइवान से संपर्क-व्यवहार करने के तरीकों से संबंधित थीं.
इस कदम के बाद अमेरिका के ताइवान ने रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत होंगे. इसी सिलसिले में अमेरिका पिछले कुछ दिनों से लगातार कोशिशें भी कर रहा है. गुरुवार को अमेरिका ने घोषणा में कहा कि यूएन एंबेसडर केली क्रॉफ्ट ताइवान जाएंगी.
इसके बाद चीन ने अमेरिका से ताइवान और हॉन्गकॉन्ग के मामले में हस्तक्षेप ना करने की चेतावनी दी थी. चीन ने कहा था कि अगर अमेरिका ऐसा करता है, तो उसे बड़ी भारी कीमत चुकानी होगी. अब अमेरिका के ताजा कदम से चीन की नाराजगी और भी ज्यादा बढ़ सकती है.
ताइवान से संपर्क पर लगी बाध्यताओं को हटाते हुए माइक पॉम्पियो ने कहा, "गृह विभाग ने दोनों पक्षों के बीच संपर्कों पर जटिल बाध्यताएं लगा रखी थीं. यह कदम बीजिंग के कम्यूनिस्ट शासन को खुश करने के लिए उठाए गए थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. आज मैं घोषणा करता हूं कि मैं इन सारे प्रतिबंधों का खात्मा करता हूं."
बता दें अगस्त में हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस सेक्रेटरी एलेक्स एजार ताइवान गए थे. 2014 के बाद ताइवान जाने वाले वे अमेरिकी कैबिनेट के पहले सदस्य थे.
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