व्हाइट हाउस (White House) ने शुक्रवार को अफगानिस्तान संकट (Afghansitan Crisis) पर बात करते हुए कहा कि गुरुवार को लगभग 12 हजार लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है, और 14 अगस्त से अब तक करीब 1 लाख 5 हजार लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है.
व्हाइट हाउस ने कहा कि 15 अगस्त को आतंकवादी समूह के अफगान राजधानी में प्रवेश करने से एक दिन पहले नए सिरे से निकासी के प्रयास तेज हो गए हैं. जुलाई के अंत से लगभग 110,600 लोगों को निकाला गया है.
काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर गुरुवार शाम को हुए दो विस्फोटों में 13 अमेरिकी सेवा सदस्यों सहित कई लोगों के मारे जाने की खबर है. इस घटना के बाद वहां से लोगों को निकालने का काम फिर से शुरू हो गया है और सैनिकों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.
व्हाइट हाउस के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को निकाले गए 12,500 लोगों में से लगभग 5,000 लोगों को उस रात एयरलिफ्ट किया गया था.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि 14 अगस्त से अब तक कम से कम 5,100 अमेरिकी नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला गया है.
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में लगभग 500 अमेरिकी नागरिक हैं जिनके साथ हम काम कर रहे हैं.
शुक्रवार को दिए गए बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि वहां से निकाले जा रहे सभी अफगानियों का COVID19 टेस्ट किया जाता है और जब वे वाशिंगटन के बाहर एयरपोर्ट पर पहुंचते हैं, तो वैक्सीन भी लगवाई जाती है, और जिनको कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है उन्हें क्वारंटीन किया जा जाता है.
तालिबान को मान्यता देगा US?
अमेरिका ने शक्रवार को अपने बयान में तालिबान सरकार को त्वरित मान्यता देने से इनकार करता हुए कहा कि अभी यह नहीं तय किया गया है कि सेना की वापसी के बाद राजनयिक उपस्थिति रहेगी या नहीं.
मैं वास्तव में यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि अमेरिका या किसी भी अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी द्वारा तालिबानी सरकार को किसी भी तरह की मान्यता देने की कोई जल्दबादजी नहीं है.जेन साकी
अमेरिका का कहना है कि भविष्य में तालिबान सरकार की मान्यता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह अफगान क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों को रोकेगा और महिलाओं को विशेष रूप से अधिकार की मान्यता होगी.
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि तालिबान के द्वारा कहा गया है कि मंगलवार को शेष अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने के बाद US देश में राजनयिक उपस्थिति बनाए रखे.
"तालिबान ने हमारे साथ बातचीत में बहुत स्पष्ट कर दिया है कि वे एक अमेरिकी राजनयिक उपस्थिति देखना चाहते हैं."नेड प्राइस
उन्होंने आगे कहा कि तालिबान ने सुरक्षा प्रदान करने का वादा किया है, लेकिन वे महज शब्द हैं और वाशिंगटन को कोई भी निर्णय लेने से पहले और आश्वासन की आवश्यकता होगी.
15 अगस्त को काबुल पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद अमेरिकी दूतावास के बाकी राजनयिक अमेरिकी सैनिकों द्वारा द्वारा सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट की तरफ भाग गए.
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