नोवेल कोरोना वायरस की उत्पत्ति और इंसानों में इसके प्रसार के बारे में पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम अगले हफ्ते चीन का दौरा करेगी.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह दौरा चीन में WHO के कंट्री ऑफिस द्वारा 'वायरल निमोनिया' के मामलों पर वुहान म्युनिसिपल हेल्थ कमीशन का बयान उठाने के 6 महीने से ज्यादा समय बाद होगा. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जनवरी में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम भेजने के लिए चीन के साथ समझौते के बारे में बात की थी ताकि प्रकोप की समझ बढ़ाने पर काम किया जा सके.
बता दें कि COVID-19 की वजह से दुनियाभर में 500000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
WHO में चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एएनआई के साथ इंटरव्यू में कहा कि नोवेल कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर “गहन जांच” की जरूरत है. उन्होंने बताया, ‘’वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए एक टीम अगले हफ्ते चीन जा रही है.’’
डॉ. सौम्या ने कहा कि चीनी सरकार ने 31 दिसंबर को वुहान से 'टिपीकल निमोनिया केस' के प्रकोप की सूचना दी थी. उन्होंने बताया, ''चीन में हमारे WHO कंट्री ऑफिस ने इसे उठाया और 1 जनवरी को, WHO ने अपने अंतरराष्ट्रीय तंत्रों को सक्रिय किया, जो कि हम इंटरनेशनल हेल्थ रेग्युलेशन्स के तहत करते हैं, जब भी कोई नया संकेत मिलता है. इसके बारे में सभी को बता दिया जाता है ताकि पूरी दुनिया को इसका पता चल जाए.''
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि अनुक्रम (सीक्वेंस) बताते हैं कि COVID-19 पैदा करने वाला वायरस बहुत हद तक चमगादड़ वायरसों के समान है.
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