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खशोगी मामले में अमेरिका सऊदी अरब पर नरम क्यों? 

सऊदी अरब पर अमेरिका का निर्भरता ट्रंप के नरम रुख की वजह 

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सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले तो कहा कि सऊदी अरब को इसकी सजा मिलेगी. अगर खशोगी की हत्या में सऊदी अरब का हाथ होना साबित हो जाता है तो उसके साथ 110 अरब डॉ़लर का हथियार सौदा रद्द कर दिया जाएगा. पहले कहा गया कि अमेरिकी दबाव में सऊदी अरब ने यह बयान जारी किया कि उसके वाणिज्य दूतावास में खशोगी के साथ ज्यादती हुई. अब यह साफ हो चुका है कि खशोगी की हत्या किसने करवाई लेकिन अमेरिका सऊदी अरब के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने से क्यों हिचक रहा है.

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ट्रंप के इस रुख की ओर हर ओर आलोचना हो रही है. यह जानते हुए भी खशोगी की हत्या में सऊदी अरब का हाथ है ट्रंप वहां के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ नरमी का रुख अपना रहे हैं.

सऊदी अरब पर अमेरिका का निर्भरता ट्रंप के नरम रुख की वजह 
ट्रंप ने पहले कहा कि सऊदी अरब के खिलाफ कार्रवाई करेंगे लेकिन अब वह चुप हैं. 
(फोटो: AP)

सऊदी अरब से रिश्ते बिगाड़ना नहीं चाहते ट्रंप

भले ही ट्रंप ने सऊदी अरब के साथ 110 अरब डॉलर के हथियार सौदा रद्द रने की बात कर रहे हैं. लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे. सऊदी अरब ने भी कहा है कि अमेरिका ने सख्ती तो उसके खिलाफ भी वह कदम उठाएगा. सऊदी अरब का सबसे बड़ा हथियार है उसका तेल. सऊदी अरब ने कहा है कि अगर उस पर दबाव बढ़ाया गया तो तेल की कीमतें 80 डॉलर से बढ़ कर 400 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकती है. . ईरान के खिलाफ सऊदी अरब अमेरिका का साथ दे रहा है. ऐसे में सऊदी अरब के खिलाफ अमेरिका का कदम उठना मुमकिन नहीं लगता.

पश्चिम एशिया में अमेरिका का मददगार

सऊदी अरब पश्चिम एशिया में चरमपंथ और आतंकवाद का मुकाबला करने में अहम भूमिका में है. इसलिए वह यहां अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का सहयोगी है. अमेरिका चाहता है कि खाड़ी में यह समीकरण न बिगड़े. इसलिए भी वह सऊदी अरब के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से बच रहा है.

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