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Xi Jinping ने कांग्रेस बैठक में क्या बोला? दोबारा राष्ट्रपति बनने पर लगेगी मुहर?

China’s Communist Party Congress: शीन जिनपिंग ने अपने भाषण में क्या कहा?

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चीन के बीजिंग शहर में रविवार, 16 अक्टूबर से कम्युनिस्ट पार्टी की पांच साल में एक बार होने वाली अहम बैठक (China Communist Party Congress ) शुरू हो गयी. लगभग एक हफ्ते तक चलने वाली इस बैठक की शुरुआत करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अपने भाषण में चीन द्वारा हांगकांग की स्वायत्तता को कुचलने का जश्न मनाया, ताइवान को चेतावनी दी और अपने 'जीरो-कोविड' पॉलिसी का बचाव किया. माना जा रहा है कि दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए बैठक में शामिल प्रतिनिधि शी जिनपिंग को रिकॉर्ड तीसरा कार्यकाल सौंपेंगे.

आइए जानते हैं कि जिनपिंग ने अपने आज के भाषण में क्या कुछ कहा है? इस कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस में क्या-क्या हो सकता है और यह अहम क्यों है? शी जिनपिंग के तीसरा कार्यकाल मिलने का चीन और खुद उनके लिए क्या मतलब होगा?

Xi Jinping ने कांग्रेस बैठक में क्या बोला? दोबारा राष्ट्रपति बनने पर लगेगी मुहर?

  1. 1. China’s Communist Party Congress: शी जिनपिंग ने अपने भाषण में क्या कहा?

    लगभग दो घंटे लंबे भाषण में चीनी राष्ट्रपति ने कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए देश के लिए अपनी योजनाओं और आगे की प्लानिंग की एक झलक पेश की. अपने भाषण में शी जिनपिंग ने इशारा किया कि उनके नेतृत्व में चीन में सामाजिक नियंत्रण, क्षेत्रीय आक्रामकता और पश्चिम देशों के साथ प्रतिद्वंद्विता की विशेषता बनी रहेगी और बढ़ेगी ही.

    उन्होंने कहा कि चीन ने पिछले पांच वर्षों में अपना वैश्विक प्रभाव बढ़ाया है, और उन्होंने ताइवान के विवाद में विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी है. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों (नेशनल सिक्योरिटी लॉज) को लाकर हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन पर लगाम लगाने के फैसले की सराहना की.

    "इतिहास के पहिये महान चीनी राष्ट्र के एकीकरण और कायाकल्प की ओर बढ़ रहे हैं. पूर्ण एकीकरण होना चाहिए और इसे बिना किसी संदेह के हासिल किया जा सकता है."
    शी जिनपिंग, चीनी राष्ट्रपति

    चीन की सख्त जीरो-कोविड पॉलिसी, जिसने चीन को बाहरी दुनिया से अलग कर दिया है, आगे भी जारी रहेगी जबकि दूसरी ओर पूरी दुनिया धीरे-धीरे महामारी के पहले जैसी स्थिति पर लौटने की कोशिश कर रही है. शी जिनपिंग ने अपने कठोर पॉलिसी का बचाव करते हुए कहा कि वह अपने लोगों और उनके जीवन को सबसे ऊपर रखते हैं, सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं.

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  2. 2. China’s Communist Party Congress: यह बैठक इतनी अहम क्यों है?

    चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अगले एक हफ्ते के लिए इस बैठक का आयोजन कर रही है, जिसके दौरान पार्टी के शीर्ष पदों पर नए नेताओं को नियुक्त किया जाएगा. हालांकि माना जा रहा है कि पांच साल में एक बार होने वाले इस बैठक में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगेगी. यह रिकॉर्ड इसलिए होगा क्योंकि चीन में पिछले तीन दशक से यह परंपरा थी कि शीर्ष पद पर बैठे नेता को 10 साल के कार्यकाल के बाद पद छोड़ना होगा. लेकिन जिनपिंग ने 2018 में संविधान बदलकर यह बंदिश खत्म कर दी है.

    यह संभव है कि 69 वर्षीय शी जिनपिंग जीवन भर सत्ता में बने रहें.

    बता दें कि अभी शी जिनपिंग के पास ये 3 पद हैं:

    • जनरल सेक्रेटरी के रूप में वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख हैं.

    • राष्ट्रपति के रूप में वह चीन के राष्ट्राध्यक्ष हैं.

    • चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष के रूप में वह देश के सशस्त्र बलों के हेड हैं.

    बैठक के लिए बीजिंग तियानमेन स्क्वायर के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में पार्टी के करीब 2,300 प्रतिनिधि जमा हुए हैं. इनमें से लगभग 200 को पार्टी की केंद्रीय समिति में शामिल होने के लिए चुना जाएगा, साथ ही लगभग 170 वैकल्पिक सदस्य होंगे. इसके बाद केंद्रीय समिति पार्टी के पोलित ब्यूरो के लिए 25 लोगों का चुनाव करेगी. जबकि पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए ये 25 सदस्य पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सदस्यों को चुनेंगे. बता दें कि पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में वर्तमान में पार्टी के जनरल सेक्रेटरी शी जिनपिंग सहित सात सदस्य हैं- ये सभी पुरुष हैं.

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  3. 3. China’s Communist Party Congress: शी जिनपिंग और चीन के लिए तीसरे कार्यकाल का क्या मतलब होगा?

    मालूम हो कि किसी भी चीनी अधिकारी ने (निश्चित रूप से जिनपिंग ने भी नहीं) इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इस बैठक के बाद जिनपिंग के कार्यकाल को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया जायेगा. लेकिन जब पार्टी ने इसी महीने साफ शब्दों में सन्देश दिया हो कि चीन के निरंतर उत्थान के लिए जिनपिंग का विकल्प नहीं है, अपने आप में संकेत है. एक्सपर्ट मानते हैं कि कार्यकाल बढ़ाए जाने के कयास इसलिए भी लग रहे हैं क्योंकि जनता में विरोध की सुगबुगाहट के बावजूद पार्टी के अंदर जिनपिंग के राजनीतिक उत्तराधिकारी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है.

    जिनपिंग चीन के सर्वेसर्वा हैं क्योंकि उन्होंने पिछले एक दशक से देश के तीनों प्रमुख पद संभालें हैं- पार्टी महासचिव, राष्ट्रपति और चीन की सेना के अध्यक्ष. तीसरे कार्यकाल में भी बने रहने की जिनपिंग की कोशिश को साल 2018 में बल मिला, जब संविधान संसोधन कर संसद ने राष्ट्रपति पद पर दो-अवधि की सीमा को समाप्त कर दिया था. दूसरी तरफ पार्टी पद और सैन्य अध्यक्षता की कोई लिमिट नहीं है. ऐसे में शी जिनपिंग के लिए तीनों पदों पर अनिश्चित काल तक बने रहने का रास्ता खुला हुआ है.

    बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार लंदन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) के प्रोफेसर स्टीव त्सांग का कहना है कि "शी के नेतृत्व में चीन तानाशाही की दिशा में आगे बढ़ रहा है.. माओ के अधीन चीन में पूरी तानाशाही व्यवस्था थी. हम अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं."

    प्रोफेसर त्सांग का कहना है कि बैठक में पार्टी के संविधान में बदलाव देखा जा सकता है, जिसमें "शी जिनपिंग के विचार" को ही पार्टी के मार्गदर्शक दर्शन के रूप में और अधिक स्थापित किया जायेगा.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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China’s Communist Party Congress: शी जिनपिंग ने अपने भाषण में क्या कहा?

लगभग दो घंटे लंबे भाषण में चीनी राष्ट्रपति ने कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए देश के लिए अपनी योजनाओं और आगे की प्लानिंग की एक झलक पेश की. अपने भाषण में शी जिनपिंग ने इशारा किया कि उनके नेतृत्व में चीन में सामाजिक नियंत्रण, क्षेत्रीय आक्रामकता और पश्चिम देशों के साथ प्रतिद्वंद्विता की विशेषता बनी रहेगी और बढ़ेगी ही.

उन्होंने कहा कि चीन ने पिछले पांच वर्षों में अपना वैश्विक प्रभाव बढ़ाया है, और उन्होंने ताइवान के विवाद में विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी है. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों (नेशनल सिक्योरिटी लॉज) को लाकर हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन पर लगाम लगाने के फैसले की सराहना की.

"इतिहास के पहिये महान चीनी राष्ट्र के एकीकरण और कायाकल्प की ओर बढ़ रहे हैं. पूर्ण एकीकरण होना चाहिए और इसे बिना किसी संदेह के हासिल किया जा सकता है."
शी जिनपिंग, चीनी राष्ट्रपति

चीन की सख्त जीरो-कोविड पॉलिसी, जिसने चीन को बाहरी दुनिया से अलग कर दिया है, आगे भी जारी रहेगी जबकि दूसरी ओर पूरी दुनिया धीरे-धीरे महामारी के पहले जैसी स्थिति पर लौटने की कोशिश कर रही है. शी जिनपिंग ने अपने कठोर पॉलिसी का बचाव करते हुए कहा कि वह अपने लोगों और उनके जीवन को सबसे ऊपर रखते हैं, सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं.

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China’s Communist Party Congress: यह बैठक इतनी अहम क्यों है?

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अगले एक हफ्ते के लिए इस बैठक का आयोजन कर रही है, जिसके दौरान पार्टी के शीर्ष पदों पर नए नेताओं को नियुक्त किया जाएगा. हालांकि माना जा रहा है कि पांच साल में एक बार होने वाले इस बैठक में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगेगी. यह रिकॉर्ड इसलिए होगा क्योंकि चीन में पिछले तीन दशक से यह परंपरा थी कि शीर्ष पद पर बैठे नेता को 10 साल के कार्यकाल के बाद पद छोड़ना होगा. लेकिन जिनपिंग ने 2018 में संविधान बदलकर यह बंदिश खत्म कर दी है.

यह संभव है कि 69 वर्षीय शी जिनपिंग जीवन भर सत्ता में बने रहें.

बता दें कि अभी शी जिनपिंग के पास ये 3 पद हैं:

  • जनरल सेक्रेटरी के रूप में वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख हैं.

  • राष्ट्रपति के रूप में वह चीन के राष्ट्राध्यक्ष हैं.

  • चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष के रूप में वह देश के सशस्त्र बलों के हेड हैं.

बैठक के लिए बीजिंग तियानमेन स्क्वायर के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में पार्टी के करीब 2,300 प्रतिनिधि जमा हुए हैं. इनमें से लगभग 200 को पार्टी की केंद्रीय समिति में शामिल होने के लिए चुना जाएगा, साथ ही लगभग 170 वैकल्पिक सदस्य होंगे. इसके बाद केंद्रीय समिति पार्टी के पोलित ब्यूरो के लिए 25 लोगों का चुनाव करेगी. जबकि पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए ये 25 सदस्य पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सदस्यों को चुनेंगे. बता दें कि पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में वर्तमान में पार्टी के जनरल सेक्रेटरी शी जिनपिंग सहित सात सदस्य हैं- ये सभी पुरुष हैं.

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China’s Communist Party Congress: शी जिनपिंग और चीन के लिए तीसरे कार्यकाल का क्या मतलब होगा?

मालूम हो कि किसी भी चीनी अधिकारी ने (निश्चित रूप से जिनपिंग ने भी नहीं) इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इस बैठक के बाद जिनपिंग के कार्यकाल को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया जायेगा. लेकिन जब पार्टी ने इसी महीने साफ शब्दों में सन्देश दिया हो कि चीन के निरंतर उत्थान के लिए जिनपिंग का विकल्प नहीं है, अपने आप में संकेत है. एक्सपर्ट मानते हैं कि कार्यकाल बढ़ाए जाने के कयास इसलिए भी लग रहे हैं क्योंकि जनता में विरोध की सुगबुगाहट के बावजूद पार्टी के अंदर जिनपिंग के राजनीतिक उत्तराधिकारी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है.

जिनपिंग चीन के सर्वेसर्वा हैं क्योंकि उन्होंने पिछले एक दशक से देश के तीनों प्रमुख पद संभालें हैं- पार्टी महासचिव, राष्ट्रपति और चीन की सेना के अध्यक्ष. तीसरे कार्यकाल में भी बने रहने की जिनपिंग की कोशिश को साल 2018 में बल मिला, जब संविधान संसोधन कर संसद ने राष्ट्रपति पद पर दो-अवधि की सीमा को समाप्त कर दिया था. दूसरी तरफ पार्टी पद और सैन्य अध्यक्षता की कोई लिमिट नहीं है. ऐसे में शी जिनपिंग के लिए तीनों पदों पर अनिश्चित काल तक बने रहने का रास्ता खुला हुआ है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार लंदन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) के प्रोफेसर स्टीव त्सांग का कहना है कि "शी के नेतृत्व में चीन तानाशाही की दिशा में आगे बढ़ रहा है.. माओ के अधीन चीन में पूरी तानाशाही व्यवस्था थी. हम अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं."

प्रोफेसर त्सांग का कहना है कि बैठक में पार्टी के संविधान में बदलाव देखा जा सकता है, जिसमें "शी जिनपिंग के विचार" को ही पार्टी के मार्गदर्शक दर्शन के रूप में और अधिक स्थापित किया जायेगा.

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