टेलीकम्यूनिकेशन सेक्टर पर आफत के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे हैं. इस सेक्टर की Vodafone-Idea and Bharti Airtel कंपनियां बैंकरप्सी की कगार पर खड़ी हैं और AGR मामले में बुरी तरह फंसी हुई हैं. AGR यानी Adjusted gross revenue - ये यूसेज और लाइसेंसिग फीस है जो टेलीकॉम कंपनियों को भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिकेशन को देनी होती है. लेकिन ये रकम अब 1.6 लाख करोड़ तक पहुंच गई और एक विवाद में उलझी हुई है.
अब इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी आया है जिसे इन कंपनियों के लिए फायदे का सौदा बताया जा रहा है.
क्या है वो फैसला ? क्या वाकई इससे इन कंपनियों की दुकान बंद होने से बच पाएगी? और सबसे बड़ी बात कि हम और आप जैसे करोड़ों यूजर्स पर इस फैसले का क्या और किस हद तक असर पड़ेगा. आज पॉडकास्ट में टेलीकॉम जगत के इस बड़े विवाद की तफ्सील समझिए फाइनेंशियल एक्सप्रेस के एडिटर-इन-चीफ सुनील जैन से जिन से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास बातचीत की हैं.
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