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पॉडकास्ट | 40 करोड़ भारतीय वॉट्सऐप यूजर्स को हिला देने वाला खुलासा

सबसे डरावनी बात है कि ये कंपनी सिर्फ सरकारों को ही ये सर्विस देती है

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अगर आप वॉट्सऐप इस्तेमाल करते हैं और आपको लगता है कि आपके फोन में फोटोज, वीडियो, कॉन्टैक्ट या किसी भी तरह का डेटा सेफ है तो आप इस मुगालते में मत रहिए. हो सकता है कि आपके हर एक्शन को कोई लगातार देख रहा हो. आप किससे बात कर रहे हैं, किससे मिल रहे हैं, कहां जा रहे हैं... सब कुछ कोई सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर देख रहा है. और

ये सब  हो रहा है एक सॉफ्टवेयर के जरिए, जिसका नाम है पैगेसस. और लोगों की जासूसी का ठेका लेती है इजरायल की एक साइबर इंटेलिजेंस कंपनी एनएसओ ग्रुप. सबसे डरावनी बात है कि ये कंपनी सिर्फ सरकारों को ही ये सर्विस देती है, ऐसे में अब शक की सुई भारत सरकार की तरफ घूम रही है.
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दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. इस खुलासे के बाद ये साफ हो गया है कि वॉट्सऐप इस्तेमाल करने वाले करोड़ों यूजर्स का पर्सनल डेटा सुरक्षित नहीं है.

वॉट्सऐप कंपनी ने खुद एक इजरायली कंपनी पर जासूसी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि इजरायल की साइबर इंटेलिजेंस कंपनी एनएसओ ग्रुप ने एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर वॉट्सऐप के जरिए पत्रकारों, वकीलों, दलित एक्टिविस्ट और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की है. ये जासूसी पैगेसस नाम के स्पाईवेयर के जरिए हो रही है. स्पाईवेयर शब्द स्पाई और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना है. इसका मतलब है जासूसी करने वाला सॉफ्टवेयर.

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