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Guru Purnima 2023: जानिए क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व?

Guru Purnima 2023: इस पर्व को व्यास पूर्णिमा यानी महर्षि वेद व्यास की जयंती के रुप में भी मनाया जाता है.

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Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा का पर्व आध्यात्मिक रुप से हिंदु, बौध्द और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने-अपने गुरुओं को समर्पित है. यह पर्व भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क नेपाल और भूटान में मनाया जाता है. हालांकि नेपाल में यह पर्व 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन मनाया जाता है. यह पर्व हिंदू, बौद्ध, जैन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए अपने गुरुओं को श्रद्धांजलि देने और उनको याद करने का भी अवसर होता है.

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Guru Purnima 2023: इस पर्व को व्यास पूर्णिमा यानी महर्षि वेद व्यास की जयंती के रुप में भी मनाया जाता है.

बौद्ध भिक्षुओं की तस्वीर 

(फाइल फोटो)

बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह त्यौहार भगवान बुद्ध के स्मृति में मनाया जाता है, भगवान बुद्ध ने आज ही दिन सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर ही भगवान शिव ,आदिगुरुओं ने सप्तर्षियों को योग की साधना का संदेश दिया था.

इस पर्व को व्यास पूर्णिमा के रूप में महर्षि वेद व्यास की जयंती रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने महाकाव्य महाभारत की रचना की थी. हिंदू पंचांग के मुताबिक, यह पर्व आषाढ़ के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता रहा है. महात्मा गांधी भी गुरु पूर्णिमा का पर्व अपने आध्यात्मिक गुरु श्रीमद राजचंद्र की याद में मनाया करते थे.
Guru Purnima 2023: इस पर्व को व्यास पूर्णिमा यानी महर्षि वेद व्यास की जयंती के रुप में भी मनाया जाता है.

पटना में बुद्ध पूर्णिमा के दौरान गंगा तट पर पूजा अर्चना करते श्रद्धालु

(फाइल फोटो)

इस दिन लोग अपने गुरुओं की आराधना करते हैं साथ ही जिन्हें वो मानते है उनके आर्शीवाद प्राप्ति के लिए मंदिर भी जाते हैं. हिंदू-रीति रिवाज को मानने वाले लोग इस दिन व्रत भी करते हैं और गुरु की याद में घर में पूजा का भी आयोजन करते हैं.

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