निशानेबाजी में ओलम्पिक गोल्ड मेडल विजेता अभिनव बिंद्रा ने रविवार को कहा कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 का बहिष्कार करना एक विकल्प नहीं है. बिंद्रा ने भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) को सलाह दी है कि वे निशानेबाजी को कॉमनवेल्थ खेलों के कोर खेल में शामिल कराने की दिशा में काम करें.
बर्मिंघम में 2022 के कॉमनवेल्थ खेलों से निशानेबाजी को हटाने का फैसला किया गया है, जिसके विरोध में भारतीय निशानेबाज और कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट हीना सिद्धू ने सबसे पहले बहिष्कार की बात की थी. आईओए ने भी खेल मंत्री को चिट्ठी लिखकर इस विकल्प के बारे में बताया.
ओलंपिक की सिंगल्स इवेंट में भारत के इकलौटे गोल्ड मेडल विजेता बिंद्रा ने ट्वीट कर कहा,
“बहिष्कार से आपका प्रभाव नहीं बढ़ता. यह सिर्फ आपको अप्रासंगिक बना देता है और इसकी सजा अन्य खिलाड़ियों को मिलती है. बेहतर होता अगर आईओए अभियान चलाकर कॉमनवेल्थ खेलों की कमेटी में समर्थन हासिल करता और भविष्य में निशानेबाजी को कोर खेलों की सूची में शामिल कराने का प्रयास करता.”
हिना के बयान के बाद आईओए के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने कहा था कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है. बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दे दी है कि आईओए सदस्यों के बीच इस बात पर अनऔपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है.
इस ई-मेल में बत्रा ने लिखा है,
“यह आईओए के महासचिव के मई-2019 में दिए गए बयान के सबंध में है जिसमें कहा गया था कि कॉमनवेल्थ खेल-2022 में हिस्सा न लेने के विचार पर चर्चा की जा सकती है. इस मुद्दे पर अब अनौपचारिक तौर पर आईओए सदस्यों के बीच चर्चा जारी है और वह आईओए के महासचिव राजीव मेहता के विचारों से सहमत हैं.”
जून में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने फैसला किया था कि 2022 में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं दी जाएगी. 1970 के बाद से ऐसा पहली बार होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी नहीं होगी. निशानेबाजी 1974 से लगातार कॉमनवेल्थ खेलों का हिस्सा रहा है.
इससे भारत को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इन खेलों में अगर भारत पदक तालिका में आगे रहता है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह निशानेबाजी में जीते पदक होते हैं.
(IANS इनपुट्स के साथ)
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