ब्रिटेन के बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में 14 साल की एथलीट अनाहत सिंह (Anahat Singh) ने स्क्वैश में जीत दर्ज की है.
शुक्रवार, 29 जुलाई को वूमेन सिंगल्स के राउंड ऑफ 64 मैच में अनाहत ने सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के जेडा रॉस को हराया. अनाहत ने पहला गेम 11-5 से जीता. दूसरा गेम 11-2 से जीतकर उन्होंने 2-0 की अजेय बढ़त बना ली.
यहां जानिए अनाहत के सफर से जुड़ी खास बातें-
Commonwealth में भारतीय दल की सबसे युवा मेंबर
दिल्ली से आने वाली अनाहत सिंह न सिर्फ भारतीय स्क्वैश टीम में सबसे कम उम्र की सदस्य हैं बल्कि साथ ही बर्मिंघम में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए गए पूरे भारत दल में भी सबसे छोटी हैं.
अनाहत को स्क्वैश खेलना की प्रेरणा अपनी बड़ी बहन से मिली है. बड़ी बहन अमीरा सिंह भी खुद एक स्क्वैश खिलाड़ी हैं. अनाहत ने सबसे पहले 2019 में अपना नाम बनाया जब उन्होंने अंडर -11 केटेगरी में प्रतिष्ठित ब्रिटिश ओपन जीता था. अगले दो सालों तक अनाहत अंडर-15 कैटेगरी में जाने से पहले तक अंडर-11 में नंबर 1 बनी रहीं.
दिसंबर 2021 में उन्होंने अंडर-15 यूएस ओपन जीता, उसके बाद एशियन जूनियर खिताब, जर्मन ओपन और डच ओपन (तीनों अंडर -15 में) अकेले 2022 में जीता. इन सफलताओं से उन्होंने भारत के स्क्वैश सर्कल में अपना नाम बना लिया.
हाल के दिनों में अनाहत के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें चेन्नई के नेशनल ट्रेनिंग कैंप के लिए टिकट दिलाया. यहां उन्होंने सभी को प्रभावित किया और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारत की स्क्वैश टीम में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए भारत की टीम में अपनी जगह बुक करने के बाद अनाहत, बहुत आगे की नहीं सोचना चाहती हैं और वर्तमान पर फोकस करना चाहती हैं. बर्मिंघम में मैडल जीतने की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर अनाहत ने कहा कि "मैं अभी मैडल के बारे में निश्चित नहीं हूं लेकिन मैं अपना बेस्ट देने का प्रयास करने जा रही हूं.”
अनाहत ने बिना अपनी खुशी छिपाए कहा कि "यह एक बहुत ही अचानक ट्रांजिशन की तरह था. पिछले महीने मैं जूनियर टूर्नामेंट खेल रही थी और फिर अचानक मैं अब सीनियर टीम का हिस्सा हूं. यह बहुत अलग है लेकिन यह बहुत रोमांचक भी है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)