भारत बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 में हिस्सा लेगा. भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) ने सोमवार 30 दिसंबर को अपनी वार्षिक आम बैठक के बाद इस बात का फैसला किया है. साथ ही आईओए ने साफ कर दिया है कि वह 2026 और 2030 कॉमनवेल्थ खेलों में से किसी एक की मेजबानी हासिल करने की कोशिश करेगा.
आईओए ने साथ ही भारतीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अलग से कॉमनवेल्थ निशानेबाजी चैम्पियनशिप की मेजबानी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 2022 कॉमनवेल्थ खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया गया है.
आईओए ने सोमवार को ट्वीट किया,
“भारतीय ओलम्पिक संघ ने आज नई दिल्ली के ओलम्पिक भवन में अपनी वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया. सभी ने साथ मिलकर कई मुद्दों पर चर्चा की जिसमें बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेल-2022 में हिस्सा लेने का मुद्दा भी शामिल रहा.”
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) की अध्यक्ष डेम लुइसे मार्टिन ने कहा कि वह इस फैसले से खुश हैं.
उन्होंने कहा, "सीजीएफ और पूरा राष्ट्रमंडल खेल आयोजन इस बात से खुश है कि भारत ने 2022 में बर्मिघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने के लिए हामी भर दी है."
भारत ने दी थी बॉयकॉट की धमकी
निशानेबाजी को बर्मिघम खेलों में शामिल नहीं किए जाने के सीजीएफ के फैसले का आईओए ने विरोध किया था और यहां तक कह दिया था कि भारत इन खेलों में हिस्सा नहीं लेगा. आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने तो यहां तक कहा था कि भारत को सीजीएफ से बाहर निकल जाना चाहिए क्योंकि इन खेलों की कोई अहमियत नहीं है.
बत्रा ने इसको लेकर खेल मंत्री से भी बात की और बर्मिंघम खेलों के बहिष्कार की वकालत की थी. भारत की सीनियर शूटर हिना सिद्धू समेत कुछ निशानेबाजों ने इसका समर्थन किया था. हालांकि भारत के इकलौते ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अभिनव बिंद्रा ने बॉयकॉट करने को गलत ठहराया था.
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