भारतीय बॉक्सर मैरी कॉम ने रूस के उलान उडे में चल रही महिलाओं की वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. इसके साथ ही मैरी ने मौजूदा चैंपियनशिप में भारत का पहला मेडल पक्का कर लिया है. खास बात ये है कि मैरी कॉम वर्ल्ड चैंपियनशिप में 8 मेडल जीतने वाले पहली बॉक्सर बन गई हैं.
गुरुवार 10 अक्टूबर को मैरी ने 51 किलोग्राम वर्ग के क्वार्टर फाइनल में रियो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट कोलंबिया की इन्ग्रिट वैलेंसिया को 5-0 से हरा दिया.
48 किलोग्राम भारवर्ग में छह बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकीं मैरी का यह 51 किलोग्राम भार वर्ग में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला मेडल होगा. हालांकि, इस भारवर्ग में 2014-एशियाई खेलों में गोल्ड और 2018 एशियाई खेलों में ब्रॉन्जमेडल भी जीत चुकी हैं. साथ ही इसी भार वर्ग में मैरी ने लंदन ओलम्पिक-2012 में भी ब्रॉन्ज जीता था.
मैरी कॉम ने शुरुआत अच्छी की और दूरी बनाए रखते हुए दाएं जैब का इस्तेमाल किया. साथ ही वह दाएं हाथ से हुक भी लगा रही थीं. हल्के से बदले हुए स्टांस के साथ खेल रही मैरी बीच-बीच में चकमा दे बाएं जैब से सटीक पंच लगाने में भी सफल रहीं. उनकी विपक्षी मैरी की रणनीति समझ रही थीं और इसलिए एहतियात के साथ खेल रही थीं. अंत में दोनों खिलाड़ी आक्रामक हो गईं.
दूसरे दौर में दोनों मुक्केबाजों ने अच्छा किया, लेकिन मैरी अपनी विपक्षी से थोड़ा आगे रहीं. वह इंगोट के पास आते ही हुक का अच्छा इस्तेमाल कर रही थीं और यहीं वह इंगोट पर हावी रही थीं.
तीसरे दौर में भी मैरी ने यही किया और जीत अपने नाम की.
जीत के बाद मैरी कॉम ने कहा कि वो इससे काफी खुश हैं और गोल्ड मेडल जीतने की कोशिश करेंगी.
“क्वार्टर फाइनल जीतने के बाद मैं काफी खुश हूं. मैं उम्मीद करती हूं कि मैं अगली फाइट में और बेहतर करूंगी और गोल्ड मेडल जीतने की कोशिश करूंगी.”मैरी कॉम
वर्ल्ड चैंपियनशिप के इतिहास में आज तक कोई भी बॉक्सर (पुरुष या महिला) 8 मेडल नहीं जीत पाया है. वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैरी के नाम अब तक 6 गोल्ड और 1 सिल्वर है. इस तरह मैरी की नजर अपने सातवें गोल्ड पर रहेगी. मैरी ने अभी तक अपने सभी मेडल 48 किलो वर्ग में जीते हैं.
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