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बोल्ट जैसी रफ्तार से दौड़ने वाले श्रीनिवास का SAI में होगा ट्रायल

उसेन बोल्ट के नाम दुनिया में सबसे तेज 100 मीटर दौड़ने का रिकॉर्ड है

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कर्नाटक में कंबाला (भैंसा दौड़) प्रतियोगिता के दौरान सिर्फ 13.62 सेकंड में 142.5 मीटर की दौड़ लगाकर लोगों की नजरों में आए श्रीनिवास गौड़ा को अब खेल मंत्रालय जरूरी मदद मुहैया कराएगा. गौड़ा की इस दौड़ के बारे में दावा किया गया था कि उन्होंने सिर्फ 9.55 सेकंड में 100 मीटर की दूरी तय कर उसेन बोल्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड (9.55 सेकंड) तोड़ दिया.

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शुक्रवार 14 फरवरी को गौड़ा की इस दौड़ की खबर और वीडियो सोशल मीडिया पर छाने के बाद खेल मंत्रालय से उनको मदद मुहैया कराए जाने की मांग की जा रही है.उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने शनिवार 15 फरवरी को ट्वीट कर खेल मंत्री किरेण रिजिजू से गौड़ा को ट्रेनिंग उपलब्ध कराने की अपील की. महिंद्रा ने लिखा,

"इसके शरीर पर सिर्फ एक नजर डालिए और आप जान जाओगे कि ये शख्स एथलेटिक्स में असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकता है. अब या तो किरेण रिजिजू इसे 100 मीटर स्पिंट के लिए ट्रेनिंग उपलब्ध कराएं या फिर हम कंबाला को ओलंपिक खेल बनाएं. कैसे भी हो, हमें श्रीनिवास के लिए गोल्ड चाहिए."

रिजिजू ने महिंद्रा के इस ट्वीट का संज्ञान लिया और उनको जवाब देते हुए लिखा कि वो उन्हें ट्रायल्स के लिए बुलाएंगे.

“मैं कर्नाटक के श्रीनिवास गौड़ा को SAI के शीर्ष कोच के सामने ट्रायल के लिए बुलाउंगा. लोगों में ओलंपिक के स्तर को लेकर जानकारी की कमी है और खासतौर पर एथलेटिक्स को लेकर, जिसमें मानवीय क्षमता के सर्वोच्च स्तर की परीक्षा होती है. मैं सुनिश्चित करूंगा कि देश में किसी भी प्रतिभा परखे बिना नहीं जाने दिया जाए.”
किरेण रिजीजू, खेल मंत्री

वहीं स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ने भी इस पर कार्रवाई करते हुए श्रीनिवास गौड़ा से संपर्क किया और उन्हें बेंगलुरु सेंटर में ट्रायल के लिए बुलाया. SAI ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

“हमने श्रीनिवास गौड़ा से संपर्क कर लिया है और उनके लिए ट्रेन टिकट भी बुक कर ली है. वो सोमवार (17 फरवरी) को SAI के बेंगलुरु सेंटर में पहुंचेंगे, जहां हमारे कोच उनको जांचेंगे. हम सभी खेल प्रेमियों से मिलने वाली जानकारी की मदद से और भी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की उम्मीद करते हैं.”

इससे पहले अगस्त 2019 में भी मध्य प्रदेश के रामेश्वर गुर्जर का दौड़ते हुए वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने नंगे पैर ही 11 सेकंड में 100 मीटर की रेस पूरी कर ली थी. इसके बाद खेल मंत्री के दखल से उन्हें भोपाल के SAI सेंटर में ले जाया गया था, जहां ट्रायल में वो नाकाम रहे थे.

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