Wrestlers Protest: रेसलर्स को अब तक आपने देश के लिए मेडल जीतते और हाथ में तिरंगा लिए देश के नाम रौशन करते देखा होगा, लेकिन ऐसा नहीं देखा होगा कि देश के तमाम बड़े रेसलर्स एक साथ धरने पर बैठ जाएं. दिल्ली के जंतर मंतर पर क्या साक्षी मलिक और क्या बजरंग पुनिया सब एक साथ धरने पर बैठे हैं.
एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगट ने फेडरेशन के संचालन पर अपनी निराशा जाहिर की. उन्होंने ट्वीट करने कहा कि
“खिलाड़ी स्वाभिमान चाहता है और ओलंपिक और बड़े खेलों के लिए पूरे जोश के साथ तैयारी करता है, लेकिन अगर महासंघ उनका समर्थन नहीं करता तो मनोबल टूट जाता है, लेकिन अब हम नहीं झुकेंगे. हमारे अधिकारों के लिए लड़ेंगे.”
2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया ने कहा कि ये पहलवानों की तरफ से आयोजित विरोध प्रदर्शन है और राजनेताओं का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “महासंघ का काम खिलाड़ियों का समर्थन करना है, उनकी खेल जरूरतों का ख्याल रखना है. अगर कोई समस्या है तो उसका समाधान करना ही होगा, लेकिन अगर संघ ही समस्या पैदा करे तो क्या होगा? अब हमें लड़ना है, हम पीछे नहीं हटेंगे”
पहलवान साक्षी मलिक ने ट्विटर पर लिखा, "यह विरोध फेडरेशन द्वारा सभी पहलवानों के लिए ट्रायल में भाग लेने के लिए अनिवार्य किए जाने के बाद हो रहा है, भले ही उनकी स्थिति कुछ भी हो. खिलाड़ी देश के लिए पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन फेडरेशन ने हमें नीचा दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया."
जंतर-मंतर पर सुबह से बैठे पहलवानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वे किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे.
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