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अनिल कुंबले ने उठाए कोहली और शास्त्री के टीम सेलेक्शन पर सवाल

अनिल कुंबले ने साफ कहा कि ऑस्ट्रेलिया के कमजोर बैटिंग लाइनअप के खिलाफ टीम इंडिया को स्पिनर जरूर खिलाना चाहिए

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पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया के सेलेक्शन को लेकर विराट कोहली और रवि शास्त्री भयंकर आलोचना झेल रहे हैं. इसी क्रम में टीम इंडिया के पूर्व कोच अनिल कुंबले ने भी कोहली और शास्त्री का नाम लिए बिना पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया के चुनाव को गलत बताया है. कुंबले का मानना है कि वो हैरान हैं कि भारत ने पर्थ टेस्ट में किसी भी रेगुलर स्पिनर को नहीं खिलाया. क्रिकेट नेक्स्ट वेबसाइट को दिए अपने इंटरव्यू में अनिल कुंबले ने कई बड़ी बातें कहीं.

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कुंबले से पूछा गया कि अगर वो भारत के कोच होते तो क्या वो कभी भारतीय टीम को बिना किसी स्पिनर के उतारते? इस सवाल के जवाब में कुंबले ने कहा....

बिल्कुल नहीं, मुझे लगता है कि टीम में स्पिनर होना जरूरी है. आपके टीम कॉम्बिनेशन की जरूरत होती है क्योंकि आपको ऐसा बॉलिंग अटैक चाहिए जो हर किसी हालात में बॉलिंग कर सके. मैच की शुरुआत में जब तक की आप को ये नहीं पता कि पिच बिल्कुल हरी है या फिर आपको पूरा अंदाजा है कि यहां तो बल्लेबाज एक दिन भी नहीं टिक पाएंगे तो ही आप चार तेज गेंदबाजों के साथ चांस लेते हैं. जब आपको पता हो कि पूरे मैच में ये विकेट एक ही तरीके से खेलेगा तो आप किसी स्पिनर को भी खिलाएंगे.आप विरोधी को देखकर भी टीम का चुनाव करते हैं. आप जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की टीम अच्छे स्पिनर्स के सामने नहीं टिक पाती और भारत के पास कुछ धासूं स्पिनर्स हैं. जब आपको पता है कि ऑस्ट्रेलिया का ये कमजोर बैटिंग लाइनअप स्पिन खेलने में उतना माहिर नहीं तो पिच चाहे कैसी भी हो आप अपनी टीम में स्पिनर को तो रखेंगे ही. 
अनिल कुंबले, पूर्व कप्तान और कोच, भारत

कुंबले से जब पूछा गया कि क्यों अक्सर टीम मैनेजमेंट ग्राउंड और पिच की हालात को पढ़े बिना प्लेइंग-XI चुन लेते हैं और बाद में नुकसान होता है. पर्थ की पिच पर भी ऐसा ही हुआ तो कुंबले बोले.....

जब आप प्लेइंग-XI का चुनाव करते हैं तो पहले पॉइंट पर आप ऐसे खिलाड़ियों को शामिल करना चाहते हैं जो किसी भी तरह के हालात में अपने स्किल्स की मदद से टीम के लिए योगदान दे सकें. दूसरा पॉइंट ये रहता है कि अगर पिच की हालत बिगड़ेगी और स्पिनर्स को मदद करेगी तो आप उसके मुताबिर टीम चुनते हैं. जब मैं खेलता था तो हमारे साथ सचिन तेंदुलकर थे तो गेंद को स्पिन करते थे और विकेट भी लेते थे. वीरेंद्र सहवाग भी गेंद को अच्छा स्पिन करते थे लेकिन इस मौजूदा टीम में हनुमा विहारी के अलावा कोई और है ही नहीं, वो भी एक पार्ट टाइमर ही हैं इसलिए मैं हैरान था कि भारत ने कोई भी स्पेशलिस्ट स्पिनर क्यों नहीं खिलाया.
अनिल कुंबले, पूर्व कप्तान और कोच, भारत

आपको बता दें कि अनिल कुंबले ने इस इंटरव्यू में मंयक अग्रवाल को मेलबर्न टेस्ट में ओपनर खिलाने की वकालत की है तो वहीं केएल राहुल के बारे में उनका कहना है कि राहुल को घरेलू क्रिकेट में लौटकर एक बार फिर अपनी बल्लेबाजी पर मेहनत करनी चाहिए.

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