कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए टोक्यो ओलंपिक पर संकट के बादल गहराते जा रहे है. इसी बीच कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए कनाडा ने अपनी टीम नहीं भेजने का फैसला किया है, जिससे टोक्यो ओलंपिक को बड़ा झटका लगा है.
इससे पहले कनाडा ओलंपिक कमेटी और पैरालिंपिक कमेटी ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और इंटरनेशनल पैरालिंपिक कमेटी को एक साल के लिए इन खेलों को स्थगित करने के लिए कहा था. ओलंपिक खेलों का आगाज 24 जुलाई को होना है.
कनाडा पहला ऐसा देश हो गया है, जिसने जुलाई में होने पर ओलंपिक खेलों से हटने की बात कही है. इससे पहले नॉर्वे, ब्राजील और स्लोवेनिया सहित कई अन्य देशों ने स्थगित करने को लेकर आईओसी पर दबाव बनाया था.
कनाडा ओलंपिक कमेटी ने बयान जारी कर कहा कि खिलाड़ी और दुनिया की सेहत और सुरक्षा से ज्यादा उनके लिए कुछ भी अहम नहीं है. कमेटी ने कहा कि यह सिर्फ खिलाड़ियों की सेहत को लेकर नहीं है, बल्कि बाकी लोगों की सेहत को लेकर भी है. कोरोनावायरस और इसके खतरे को देखते हुए यह हमारे खिलाड़ी, उनकी सेहत, उनके परिवार के लिए सुरक्षित नहीं है.
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने कहा है कि वह अगले चार हफ्तों में कोई ठोस फैसला लेगी. इस समय का इस्तेमाल 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होने वाले ओलंपिक आयोजन के विभिन्न पहलुओं की योजना बनाने के लिए किया जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रविवार को ये जानकारी दी थी.
आईओसी ने कहा, "ये परिदृश्य 24 जुलाई 2020 से शुरू हो रहे खेलों के लिए मौजूदा ऑपरेशनल प्लान्स को संशोधित करने से संबंधित हैं, और खेलों की शुरुआत की तारीख में बदलाव के लिए भी हैं."
हालांकि टोक्यो ओलंपिक को रद्द करना एक विकल्प नहीं है, लेकिन इस साल के अंत तक या 2021 तक इसे स्थगित करना संभव है. रणनीति में बदलाव के लिए आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों के साथ एक टेलीफोन कॉन्फ्रेंस कॉल की अगुआई की.
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