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टोक्यो ओलंपिक एक साल के लिए टला, चुनौतियां अभी काफी हैं...

ये इतिहास में पहली बार है जब ओलंपिक को इस तरह टाल दिया गया हो

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वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया

दुनियाभर में अपना कहर बरपा रहे कोरोनावायरस का शिकार दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन ओलंपिक पर भी पड़ा है. इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने 24 मार्च को टोक्यो ओलंपिक को एक साल तक टालने के फैसला किया. ये इतिहास में पहली बार है जब ओलंपिक को इस तरह टाल दिया गया हो.

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IOC और जापान की कोशिश है कि इन खेलों को अब अगले साल यानी 2021 में करीब जुलाई अगस्त के आस-पास ही आयोजित किया जाए, लेकिन ये इतना आसान नहीं है. IOC के सामने तारीख, आर्थिक नुकसान, और वेन्यू जैसी बड़ी चुनौतियां हैं, जिससे निपटने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी.

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने टोक्यो में मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्होंने ओलंपिक के आयोजन को एक साल के लिए टालने का प्रस्ताव रखा था, जिसपर इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के प्रमुख थॉमस बाख ने सहमति जताई.

दुनियाभर में कोरोनावायरस के कारण लगातार खेल आयोजन स्थगित हुए या रद्द होते गए. इसके बाद से ही लगातार IOC और जापान पर ओलंपिक को टालने का दबाव बढ़ रहा था.

IOC ने इसके साथ ही अपने बयान में कहा था-

“एथलीटों और खेल से जुड़े सभी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए IOC अध्यक्ष और जापानी प्रधानमंत्री ने तय किया है कि टोक्यो में होने वाले 32वें ओलंपिक खेलों को 2020 के बाद और 2021 से पहले आयोजित किया जाए.”

जापान ने ओलंपिक के लिए 25 बिलियन डॉलर खर्च किए. गेम्स टाले जाने के कारण जापान को 6 बिलियन डॉलर अतिरिक्त खर्च करने होंगे.

ओलंपिक के 100 साल से भी ज्यादा के इतिहास में ये पहला मौका है जब खेल अपने तय समय पर आयोजित नहीं होंगे. हालांकि इससे पहले 3 बार ओलंपिक को रद्द करना पड़ा था.

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