किसी भारतीय खिलाड़ी को गाली सुननी पड़ी तो किसी को नस्लीय कमेंट. एक के बाद एक अनुभवी खिलाड़ी चोटिल होते गए. इतने कि इंजर्ड 11 बन जाए. लेकिन टीम इंडिया फिर भी जीत गई. चौथे टेस्ट और सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को हारना पड़ा. ये भारत की संपूर्ण जीत है. मैदान और मानसिक जीत दोनों. आदत के मुताबिक ऑस्ट्रलिया ने इस सीरीज में हर सही गलत हर हथियार चलाया लेकिन आखिर कुछ काम न आया. ये जीत इतनी खास क्यों है जरा समझ लीजिए.
1.यंग टीम इंडिया की जीत
चैनल सेवन से बातचीत के दौरान सुनील गवास्कर ने कहा है कि यह इंडियन क्रिकेट के लिए एक चमत्कार और चमात्कारिक घटना जैसा है. यंग इंडिया ने जिस तरह से इस सीरीज को फिनिश किया है वह किसी सपने के पूरा होना जैसा है. यंग इंडिया ने यह साबित कर दिया है कि वह डरते नहीं हैं. यह पूरा टूर युवाओं के नाम रहा है. इनसे क्या शानदार प्रदर्शन देखने को मिला.
दरअसल ये जीत भरोसा दिलाती है कि हम लंबे समय तक जीतते रहेंगे. हमारी अगली टीम भी तैयार खड़ी है. दरअसल इस सीरीज में एक के बाद एक खिलाड़ी चोटिल होते गए फिर उनकी जगह जो आए वो तुलनात्मक रूप से कम अनुभव वाले थे. बावजूद इसके युवा और अनुभवहीन खिलाड़ियों ने सीरीज में कब्जा जमाया. नवदीप सैनी, मोहम्मद सिराज, टी नटराजन, वाशिंगटन सुंदर और शुभमन गिल ने तो इस सीरीज में अपने डेब्यू मैच खेले हैं. लेकिन इनका प्रदर्शन देखकर यह बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता है कि ये अनुभवहीन खिलाड़ी हैं. युवा शार्दुल ठाकुर और रिषभ पंत ने भी शानदार खेल दिखाया है.
सबसे महत्वपूर्ण रही है अंजिक्य रहाणे की कप्तानी जिन्होंने टीम इंडिया के उपलब्ध खिलाड़ी का सही समय पर सही प्रयोग कर ऑस्ट्रेलिया को पस्त कर दिया.
2.1988 के बाद ऑस्ट्रेलिया ने गंवाया “गाबा”
गाबा ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी अजेय किले से कम नहीं था. 1988 से अब तक यहां ऑस्ट्रेलिया ने हार का स्वाद नहीं चखा था. लेकिन पांचवें दिन जिस तरह से टीम इंडिया ने बल्लेबाजी की उससे कंगारु धूल चाटने को मजबूर हो गए.
- ऑस्ट्रेलिया ने गाबा में आखिरी टेस्ट मैच 33 साल पहले 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ गंवाया था. इसके बाद से कंगारुओं को इस मैदान पर कभी हार नहीं मिली थी.
- गाबा में भारत की यह पहली जीत है. इस मैच से पहले टीम इंडिया ने यहां 6 टेस्ट खेले थे, जिसमें से 5 में भारत को हार और एक में ड्रॉ का सामना करना पड़ा था.
ऑस्टेलिया में पांचवें दिन का खेल आते-आते पिच टूटने लगती है. उसमें क्रैक आ जाते हैं. कुछ ऐसा ही गाबा में हुआ. यह स्थिति बल्लेबाजों को परेशान करती हैं, लेकिन टीम इंडिया ने जिस तरह से बैटिंग की उससे कंगारु पस्त नजर आए. हमारे बल्लेबाजों ने पिच का मिथक तोड़ते हुए ऑस्ट्रेलियाई बॉलरों की जमकर धुनाई कर माहौल और मैच दोनों अपने पक्ष में किया.
3.ब्रिस्बेन में सबसे ज्यादा रनों का किया पीछा
ब्रिसबेन के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 328 रनों का लक्ष्य हासिल कर टीम इंडिया ने इतिहास रचा है. इस मैदान पर किसी भी टीम ने इतना बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं किया था. इससे पहले 1951 में वेस्टइंडीज ने 236 रनों का पीछा किया था.
4.टीम इंडिया की तीसरी सबसे बड़ी जीत
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारतीय टीम की यह तीसरी सबसे बड़ी जीत है. भारत ने इससे पहले साल 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 403 रनों के विशाल लक्ष्य को हासिल किया था वहीं 2008 में चेन्नई में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 387 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में कामयाबी हासिल की थी.
ऑस्ट्रेलिया को लगातार दूसरी बार टेस्ट सीरीज में दी मात
ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट सीरीज जीतने वाला पहला एशियाई देश बन गया है भारत. हमारे अलावा अब तक कोई एशियाई देश यह उपलब्धि हासिल नहीं कर सका है.
टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा (इस सीरीज में 20 प्लेयर) खिलाड़ियों का इस्तेमाल करते हुए रिकॉर्ड बना दिया है. इससे पहले एशेज श्रृंखला के दौरान 2013-14 में इंग्लैंड की टीम ने 18 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया था.
5.टेस्ट चैंपिनयशिप पॉइंट टेबल में टॉप पर टीम इंडिया
गाबा जीतने के बाद ताजा टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट टेबल के आंकड़ों के मुताबिक टीम इंडिया सूची में 430 अंकों के साथ टॉप पर है.
- 420 पॉइंट के साथ न्यूजीलैंड दूसरे और 332 अंकों के साथ ऑस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर है.
- एमआरएफ टेस्ट टीम रैंकिंग में भी सुधार के साथ भारत दूसरे पायदान पर पहुंच गया है. भारत के 117.65 अंक हैं. पहले स्थान पर 118.44 अंकों के साथ न्यूजीलैंड काबिज है
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