पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि भारतीय टीम का वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंचना तय दिख रहा है. पांच जून से भारतीय टीम वर्ल्ड कप में अपने सफर की शुरूआत करने जा रही है. भारत का पहला मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ है. आईसीसी रैंकिंग्स में भारत दूसरे और साउथ अफ्रीका तीसरे नंबर की टीम है. साउथ अफ्रीका की टीम अपने पहले दोनों मैच हार चुकी है.
टीम इंडिया के लिए 10 टेस्ट मैच खेल चुके आकाश चोपड़ा घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम हैं. वो क्रिकेट पर पैनी नजर रखते हैं. हिंदी में उनकी कॉमेंट्री का एक खास अंदाज है. ऐसे में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम के सफर की शुरूआत और पूरे वर्ल्ड कप के समीकरणों पर क्विंट के लिए खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह ने आकाश चोपड़ा से बातचीत की. पढ़िए बातचीत के कुछ अंश
आकाश, पहला मैच साउथ अफ्रीका से है. अब तक जिस तरह के शुरूआती मैच हुए हैं, उससे क्या आकलन है आपका और भारतीय टीम आपको इस मुकाबले में कहां खड़ी नजर आती है ?
इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं. मेरे ख्याल से भारतीय टीम टूर्नामेंट की ‘फेवरिट’ टीम के तौर पर अपने सफर की शुरूआत करेगी.
इस बात की ‘ऑलमोस्ट’ गारंटी है कि भारतीय टीम टॉप-4 में पहुंचेगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो समझ लीजिए कि विश्व कप बहुत ही खराब गया. मुझे पूरा भरोसा है कि भारतीय टीम 9 मुकाबले इतनी अच्छी तरह खेलेगी कि वो अंतिम चार में पहुंचे.
बात चाहे भारतीय टीम की बल्लेबाजी की हो, गेंदबाजी की हो सब कुछ बेहतरीन है. मिडिल ऑर्डर में थोड़ी दिक्कत जरूर है, लेकिन ऐसी कौन सी टीम है दुनिया में जिसके पास कोई भी समस्या नहीं है. टीम इंडिया लगातार अच्छा करती आ रही है, इसलिए मैं ये कह सकता हूं कि इंडिया टीम का वर्ल्ड कप कैंपेन बहुत कमाल का रहेगा.
टीम इंडिया के अलावा और कौन सी टीमें हैं जिनको आप इस बार टॉप 4 में देखते हैंक्योंकि इस बार वर्ल्ड कप का फॉर्मेट भी बदला है.
टीम इंडिया, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को मैं सेमीफाइनल में पहुंचता देख रहा हूं. टॉप 4 में चौथी टीम कौन सी होगी अभी इस बारे में अपनी राय नहीं बना पाया हूं. लेकिन तीन बड़े ‘फेवरिट्स’ हैं- टीम इंडिया, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड. ऑस्ट्रेलिया बड़ी दावेदार है.
चौथी टीम के बारे में मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि जो टीम ‘कंसिसटेंसी’ के साथ खेलेगी, वो सबसे ज्यादा ‘मैटर’ करेगा क्योंकि हर टीम को 9-9 मैच खेलने हैं. जो टीम जितने मैच अच्छे खेलेगी उसके सेमीफाइनल में पहुंचने के ‘चांसेस’ उतने ही मजबूत होंगे.
इस पूरे वर्ल्ड कप में फॉर्मेट ऐसा है कि आप सिर्फ दो मैच अच्छे खेलकर आगे नहीं पहुंच सकते हैं. यही इस बार टूर्नामेंट का रोमांच भी है. लगातार दो हार के बाद भी हो सकता है कि इस बार टॉप 4 में पहुंचने में साउथ अफ्रीका का नंबर भी आ जाए.
न्यूज़ीलैंड भी लगातार अच्छा क्रिकेट खेलने वाली टीमों में से एक है, तो हो सकता है कि वो इस जगह तक पहुंचे. ये चौथी जगह हथियाने वाली है. इसी को लेकर सबसे ज्यादा मजा भी आएगा. वेस्टइंडीज की टीम भी बीच बीच में कमाल करती रहती है. इसलिए उस पर भी नजर रखनी चाहिए.
हो सकता है कि इस बात का फैसला रनरेट के जरिए हो कि 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल की चौथी टीम कौन सी है.
आप ऑस्ट्रेलिया की टीम को काफी मजबूत मान रहे हैं. इसकी वजह क्या स्टीवन स्मिथ और डेविड वॉर्नर की टीम में वापसी है? ये दोनों ही खिलाड़ी कमाल के हैं, अनुभवी हैं, आक्रामक हैं. या फिर चूंकि ऑस्ट्रेलिया मौजूदा चैंपियन है. उसके पास सबसे ज्यादा पांच बार खिताब जीतने का तजुर्बा भी है. इसलिए आप उसकी दावेदारी मजबूत मानते हैं?
बिल्कुल सही कहा आपने. ऑस्ट्रेलिया की टीम के पास बड़े टूर्नामेंट्स में बड़ा प्रदर्शन करने की काबिलियत तो है ही, वॉर्नर और स्मिथ दोनों के पास अनुभव है. हाल ही में आईपीएल में हमने डेविड वॉर्नर का प्रदर्शन देखा. वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने.
वॉर्नर और स्मिथ के आने के बाद कंगारुओं की टीम को मैं खिताब के ‘फ्रंटरनर्स’ में रखता हूं. इसके बाद भारत और इंग्लैंड की दावेदारी है.
वर्ल्ड कप में अभी तक जितने मैच खेले गए हैं उसको देखकर आपको क्या लग रहा है? बांग्लादेश ने साउथ अफ्रीका को हरा दिया, पाकिस्तान ने दुनिया की नंबर एक टीम इंग्लैंड को हरा दिया. ये दोनों नतीजे अप्रत्याशित कहे जा सकते हैं. इन दोनों मैचों के बाद आप क्या कहेंगे ‘कंडीशंस’ किसका साथ ज्यादा दे रही हैं. क्या स्पिनर्स के लिए ये वर्ल्ड कप खास रहने वाला है ?
वनडे क्रिकेट की बात करें तो ‘कंडीशंस’ का कोई फर्क ही नहीं पड़ता. आप लगातार देख रहे होंगे कि गेंदबाजों का रोल बढ़ता जा रहा है. ‘रिस्ट स्पिनर्स’ बीच के ओवरों में आकर विकेट चटकाते हैं.
ये बात तय है कि जिन स्पिनर्स के पास ‘विकेट टेकिंग एबिलिटी’ हैउनका इस बार दबदबा रहेगा. चाहे वो कुलदीप यादव हों, यजुवेंद्र चहल हों,इमरान ताहिर हों या फिर एडम जैंपा, शादाब खान यानी जितने आपको ‘रिस्ट’स्पिनर दिखें मेरे ख्याल में वो सब अच्छा करेंगे.
ये सारे स्पिनर्स विकेट लेने की काबिलियत रखते हैं. इस साल उन्हीं का है.
(शिवेंद्र कुमार सिंह फ्रीलांस जर्नलिस्ट हैं, जो पिछले करीब दो दशक से स्पोर्ट्स कवर कर रहे हैं)
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