मैनचेस्टर में गुरूवार को भारत और वेस्टइंडीज आमने-सामने होंगे. ये वही मैदान हैं, जहां से भारत 1983 वर्ल्ड कप में अपने अभियान की शुरुआत की थी और सामने थी वेस्टइंडीज की वर्ल्ड चैंपियन टीम. भारत ने वो मैच 34 रन से जीतकर सबको चौंका दिया था.
36 साल बाद एक बार फिर दोनों टीमें इस मैदान में आमने-सामने होंगी. लेकिन अब कुछ फर्क हैं. तब वेस्टइंडीज वर्ल्ड चैंपियन थी और अब वर्ल्ड कप से बाहर हो चुकी है. तब भारत की जीत हैरानी थी, अब वेस्टइंडीज अगर जीतती है, तो वो उलटफेर माना जाएगा.
इन खिलाड़ियों पर रहेगी नजर
भारतीय टीम शानदार फॉर्म में है और अनुभवी खिलाड़ियों से भरी हुई है. साथ ही अब तक 4 मैच जीत चुकी है. दूसरी तरफ, वेस्टइंडीज की टीम है, जिसने अच्छी शुरुआत की थी और बहुत सी उम्मीदें फैंस के बीच जगाई थी, लेकिन फिलहाल वो सब धुंआ हो गई है.
विंडीज टीम का कोई भी खिलाड़ी नियमित प्रदर्शन करने में सफल नहीं हुआ है. इसके बावजूद भारत के खिलाफ होने वाले मैच में दोनों टीमों के कुछ खिलाड़ियो की टक्कर मैच का रुख तय कर सकती है.
जसप्रीत बुमराह vs क्रिस गेल-
ये तो स्पष्ट है कि क्रिस गेल अब उतने प्रभावी नहीं लगते, जैसे वो करीब 4 साल पहले तक थे. इसके बावजूद गेल ने हाल ही में कुछ अच्छी पारियां खेली हैं. इस साल की शुरुआत में गेल ने इंग्लैंड के खिलाफ कुछ धमाकेदार पारियां खेली थीं. पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी गेल ने अपनी टीम को तूफानी शुरुआत दिलाई. ऐसे में गेल को हलके में लेने की गलती भारतीय टीम नहीं करेगी.
हालांकि गेल के खिलाफ भारतीय टीम का सबसे मजबूत हथियार होंगे जसप्रीत बुमराह. बुमराह आम तौर पर बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ घातक साबित होते रहे हैं. 2016 में वर्ल्ड टी20 के सेमीफाइनल में बुमराह ने अपने ओवर की पहली ही गेंद पर गेल को बोल्ड कर दिया था. आईपीएल में भी बुमराह ने गेल को काफी परेशान किया था
गेल के आक्रामक खेल को देखते हुए इन दोनों के बीच बेहतरीन मुकाबला देखने को मिलेगा.
रोहित शर्मा vs शेल्डन कॉटरेल
शेल्डन कॉटरेल ने इस वर्ल्ड कप में कुछ मैचों में अपने अच्छे प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है. वेस्टइंडीज की टीम सही मौके मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रही है इसलिए वर्ल्ड कप से बाहर हो गई है, लेकिन इस दौरान कॉटरेल ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी.
बाएं हाथ का ये तेज गेंदबाज अपनी रफ्तार का बखूबी इस्तेमाल कर रहा है और साथ ही शॉर्ट गेंद से बल्लेबाजों को परेशान करने में कामयाब रहा है. पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ कॉटरेल ने असर छोड़ा था. न्यूजीलैंड के खिलाफ तो पहले ही ओवर में 2 विकेट लेकर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई थी.
इसलिए शुरुआती ओवरों में रोहित शर्मा को कॉटरेल के खिलाफ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि रोहित तेज और शॉर्ट गेंदों को अच्छे से खेलने में माहिर हैं, लेकिन बाएं हाथ के गेंदबाजों की अंदर आती हुई गेंदों से दिक्कत अभी भी जारी है.
हालांकि जिस तरह से आमिर और स्टार्क जैसे गेंदबाजों के खिलाफ रोहित ने संभल कर खेलते हुए उनके ओवर निकाले, वही रणनीति कॉटरेल के खिलाफ भी अपनाएंगे.
विराट कोहली vs ओशेन थॉमस
विराट कोहली ने पिछले कुछ वक्त में अपनी कड़ी मेहनत से अपनी बल्लेबाजी की कई तकनीकी खामियों को दूर किया है. इसलिए कोहली को आउट करना किसी भी गेंदबाज के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से है.
इसके बावजूद तेज और शॉर्ट गेंद पर कोहली को इस बार थोड़ी परेशानी में देखा गया है. पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ और फिर पाकिस्तान के खिलाफ कोहली तेज गति से आई शॉर्ट गेंदों पर आउट हुए.इसका फायदा ओशेन थॉमस उठाने की कोशिश करेंगे. थॉमस ने पहले ही मैच में पाकिस्तान के बल्लेबाजों को अपनी रफ्तार से निपटा दिया था.
थॉमस को बहुत ज्यादा सफलता वर्ल्ड कप में नहीं मिल पाई है, लेकिन उसके पीछे पूरी टीम की खराब रणनीति भी जिम्मेदार है. इसके बावजूद वो कोहली को परेशान कर सकते हैं. हालांकि, थॉमस की अनुभवहीनता का फायदा कोहली जैसा बल्लेबाज आसानी से उठा सकता है.
शेई होप vs कुलदीप यादव
वेस्टइंडीज की टीम को मुश्किल हालात ने निकालने की जिम्मेदारी शेई होप की ही रहेगी और होप ने हालिया प्रदर्शन से इसको साबित भी किया है. मिडिल ऑर्डर में शेई होप ने कई अहम पारियां खेली हैं और भारत के खिलाफ भी कुछ मैचों में उन्होंने दिखाया भी कि वो टीम इंडिया की स्पिन को रोक सकते हैं.
ऐसे में बीच के ओवरों में भारत के दोनों स्पिनर शेई होप का अच्छा टेस्ट लेते दिखेंगे. खास तौर पर चाइनामैन कुलदीप यादव के सामने होप को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में कुलदीप अपने पुराने रंग में नजर आए
मैच एक बार फिर मैनचेस्टर में होना है जहां कुलदीप को अच्छी स्पिन और बाउंस मिला था. इसलिए एक बार फिर वेस्टइंडीज के मिडिल ऑर्डर और भारतीय स्पिन की अच्छी टक्कर दिखेगी.
हार्दिक पांड्या vs कार्लोस ब्रैथवेट
इन दोनों के बीच कोई सीधा मुकाबला या टक्कर नहीं है, बल्कि ऑलराउंडर के रोल में खुद को साबित करने का मौका है.
बतौर ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने दोनों रोल में अपनी अहमियत दिखाई है. बल्ले से तेज-तर्रार पारी की जरूरत हो या फिर बीच के ओवरों में कुछ जरूरी विकेट निकालना हो, हार्दिक ने हाल के महीनों में इन दोनों काम में अपने प्रदर्शन को बहुत सुधारा है.
वहीं 2016 वर्ल्ड टी-20 में आखिरी ओवर में 4 छक्के लगाकर सबकी नजरों में आए कार्लोस ब्रैथवेट उसके बाद से बतौर ऑलराउंडर खुद को साबित नहीं कर पाए. हालांकि, पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ ब्रैथवेट ने इस वर्ल्ड कप की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक खेली और शतक लगाकर वेस्टइंडीज को न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत दिला ही दी थी. गेंद से ब्रैथवेट ज्यादा असर नहीं डाल पाए हैं. इसलिए उनकी टीम को कम से कम ब्रैथवेट के बल्ले के चलने की उम्मीद होगी.
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