क्रिकेट के इतिहास में 14 जुलाई 2019 ने अपनी अलग जगह बना ली है. जब भी इस दिन का जिक्र आएगा, तो बात सिर्फ इंग्लैंड के पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने की नहीं होगी, बल्कि बात होगी उस रोमांचक मैच की जिसने क्रिकेट की डिक्शनरी में रोमांचक मुकाबले को नई परिभाषा दे दी.
एक मैच जो दो बार टाई हुआ और फिर फैसला हुआ एक बिल्कुल अलग नियम से, जिसके बारे में न तो पहले कभी सुना गया था और न ही भी किसी मैच में वो दिखा. लेकिन अब इस नियम पर कुछ दिग्गजों समते फैंस ने सवाल उठाए हैं.
लॉर्ड्स में 100 ओवर के खेल के बाद भी जब दोनों टीमें फाइनल जीतने में नाकाम रहीं तो फैसला हुआ सुपर ओवर से. ये 50 ओवर के क्रिकेट इतिहास का पहला सुपर ओवर था. उम्मीद थी कि इससे भी फैसला निकलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इंग्लैंड ने सुपर ओवर में पहले बैटिंग करते हुए 15 रन बनाए. न्यूजीलैंड के सामने लक्ष्य 16 रन का था, लेकिन जिमी नीशम की कोशिशों के बावजूद कीवी टीम भी 15 रन बना सकी. जब यहां भी मैच टाई हुआ तो फैसला लिया गया बाउंड्री के आधार पर. यानी जिस टीम ने पूरे मैच में सबसे ज्यादा बाउंड्री स्कोर की वो विजेता बनी.
पूरे मैच में (सुपर ओवर मिलाकर) इंग्लैंड ने कुल 26 बाउंड्री लगाई, जबकि न्यूजीलैंड की टीम ने सिर्फ 17. इसलिए इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया.
हालांकि इस नियम पर अब गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे पूर्व दिग्गज और वर्ल्ड चैंपियन क्रिकेटरों ने सवाल उठाए हैं.
गंभीर ने ट्वीट कर लिखा,
“मुझे समझ नहीं आता, कि वर्ल्ड कप फाइनल जैसे इतने महत्वपूर्ण मैच का फैसला सबसे ज्यादा बाउंड्री मारने के आधार पर लिया जा रहा है. ICC का ये नियम हास्यास्पद है. ये एक टाई होना चाहिए था. मैं न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को इस रोमांचक फाइनल के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं. मेरे हिसाब से दोनों विजेता हैं.”गौतम गंभीर, पूर्व क्रिकेटर
वहीं 2011 में भारत के वर्ल्ड चैंपियन बनने के पीछे सबसे बड़ा रोल निभाने वाले युवराज सिंह ने भी इस नियम को सही नहीं बताया.
“मैं इस नियम से सहमत नहीं हूं. लेकिन नियम तो नियम हैं. आखिरकार वर्ल्ड कप जीतने के लिए इंग्लैंड को शुभकामनाएं. मेरी भावनाएं कीवी टीम के साथ हैं. वो आखिर तक लड़े. एक शानदार फाइनल मैच.”युवराज सिंह, पूर्व क्रिकेटर
इंग्लैंड की पुरुष टीम ने दूसरी बार आईसीसी का कोई टूर्नामेंट जीता है. इससे पहले 2010 में इंग्लैंड की टीम ने वर्ल्ड टी-20 चैंपियनशिप का खिताब जीता था. हालांकि वनडे क्रिकेट के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड का ये पहला खिताब है. इस तरह 23 साल बाद क्रिकेट जगत को एक नया वर्ल्ड चैंपियन मिला है.
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