ADVERTISEMENTREMOVE AD

INDvENG: एक मैच में स्पिनर नहीं चले और रुक गया जीत का सिलसिला

टीम इंडिया के फैंस को ये समझना होगा कि हर मैच में जीत गेंदबाज नहीं दिला सकते.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

आप भारतीय बल्लेबाजी को दोष दे सकते हैं. आप मिडिल ऑर्डर को खास तौर पर दोष दे सकते हैं. लेकिन सच ये है कि भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाजों का महंगा साबित होना ही भारत को भारी पड़ा. इसी के साथ विश्व कप में भारत की जीत का सिलसिला रुक गया.

इंग्लैंड की टीम ने भारत को 31 रनों से हरा दिया. इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने सेमीफाइनल की अपनी उम्मीदों को कायम रखा है. भारत को अब सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ मैच का इंतजार करना होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रविवार को इंग्लैंड की जीत से पाकिस्तान की टीम को भी झटका लगा है. सेमीफाइनल में पहुंचने की उसकी उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं लेकिन रास्ता और कठिन हो गया है. अफगानिस्तान के खिलाफ जिस तरह का प्रदर्शन पाकिस्तान ने किया, उसके बाद बांग्लादेश की टीम उन पर भारी पड़ती दिख रही है.

भारतीय टीम इम्तिहान पास नहीं कर पाई

बात भारतीय टीम की हार की. इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर बाकि मिली 4 जीतों में कुछ ना कुछ कमियां थीं. जरूरत थी कि उन कमियों को दूर किया जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. लिहाजा जीत का सफर भी रूक गया. विश्व कप में पहली बार सही मायनों में भारतीय बल्लेबाजों का इम्तिहान था, जो इम्तिहान भारतीय टीम नहीं पास कर पाई. टीम इंडिया के फैंस को ये समझना होगा कि हर मैच में जीत गेंदबाज नहीं दिला सकते. इंग्लैंड के खिलाफ भी ओवरऑल गेंदबाजी खराब नहीं हुई. जसप्रीत बुमराह ने तो सिर्फ 4.40 की इकॉनमी से रन दिए. मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या भी इतने महंगे साबित नहीं हुए. कहानी पलटी स्पिनर्स के प्रदर्शन से. भारतीय स्पिनर्स युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी रविवार के बड़े मैच में बिल्कुल बेअसर रही.

फिलहाल इस हार से भारतीय टीम के अभियान पर कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ता है. बावजूद इसके टीम मैनेजमेंट को इस बात का तोड़ निकालना होगा कि जिस एक दिन गेंदबाज नहीं चलेंगे उस दिन बल्लेबाज क्या अतिरिक्त जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं.
टीम इंडिया के फैंस को ये समझना होगा कि हर मैच में जीत गेंदबाज नहीं दिला सकते.
जिस दिन गेंदबाज नहीं चलेंगे उस दिन बल्लेबाजों को अतिरिक्त जिम्मेदारी उठानी होगी
(फोटो: AP)
0

रविवार को स्पिनर्स का ऑफ-डे था


क्रिकेट के खेल में ये कोई नई बात नहीं. वैसे भी युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी के बारे में हर कोई जानता है कि दोनों गेंदबाज रन बचाने की बजाए विकेट लेने की कोशिश ज्यादा करते हैं. महंगे साबित होने के बाद भी अटैक करते हैं. बतौर कप्तान विराट कोहली कई बार ये बात कह चुके हैं कि उन्हें इस जोड़ी से हमेशा विकेट की दरकार रहती है. रविवार को इंग्लिश बल्लेबाजों ने इसी आदत का फायदा उठाया. स्पिनर्स के खिलाफ उनकी तैयारी जबरदस्त थी. जॉनी बेयरस्टो ने तो स्पिनर्स के खिलाफ मैदान के हर उस कोने की बाउंड्री पर शॉट खेले जो छोटी बाउंड्री थीं. यही वजह थी कि कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 72 रन दिए और युजवेंद्र चहल ने 10 ओवर में 88 रन दिए. इसी के साथ युजवेंद्र चहल विश्व कप में भारत के सबसे महंगे गेंदबाज बन गए. ये आंकड़े देखिए-

रिस्ट स्पिनर्स की ताकत बनी कमजोरी

  • कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 72 रन दिए
  • युजवेंद्र चहल ने 10 ओवर में 88 रन दिए

चहल नहीं याद रखना चाहेंगे ये रिकॉर्ड

  • जवागल श्रीनाथ ने 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 87 रन दिए थे
  • करसन घावरी ने 1975 में इंग्लैंड के खिलाफ 83 रन दिए थे
टीम इंडिया के फैंस को ये समझना होगा कि हर मैच में जीत गेंदबाज नहीं दिला सकते.
कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 72 रन दिए
(फोटो: AP)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्पिनर्स से कहां हुई गलती?


भारतीय स्पिनर्स से सबसे बड़ी गलती ये हुई कि उनकी गेंदों में रफ्तार कम थी. कुलदीप यादव तो वैसे भी अपेक्षाकृत धीमी गेंदबाजी करते हैं. 2019 आईपीएल में उनकी नाकामी के पीछे भी बड़ी वजह यही थी. वैसे भी इन दोनों गेंदबाजों को ज्यादातर ऐसे बल्लेबाजों के सामने परेशानी होती है जिनमें पॉवर हिटिंग की काबिलियत हो और जो क्रीज से स्टेप आउट करके खेलते हों. इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने यही काम किया. उन्होंने क्रीज से बाहर निकलकर बल्लेबाजी की.

इसके अलावा इंग्लिश बल्लेबाज ने स्पिनर्स को एक्रॉस द लाइन शॉट्स भी लगाए. पिच में भी स्पिनर्स के लिए ऐसी कोई खास मदद नहीं थी. शायद यही वजह थी कि इंग्लैंड की टीम ने सिर्फ एक स्पिनर के साथ उतरने का फैसला किया था.

हालांकि भुवनेश्वर कुमार के पूरी तरह से फिट ना होने की वजह से विराट कोहली अगर चाहते भी तो गेंदबाजी यूनिट में बदलाव नहीं कर सकते थे. इस तरह की पिचों पर स्पिनर्स के लिए जरूरी था कि वो हवा में गेंद की रफ्तार को बढ़ाएं, लेकिन उनसे ऐसा हो नहीं पाया. स्पिनर्स की गेंदबाजी में युजवेंद्र चहल ने गुगली का इस्तेमाल भी काफी कम किया. इस हार के बाद टीम मैनेजमेंट को चिंता सेमीफाइनल में पहुंचने की नहीं, बल्कि सेमीफाइनल में विरोधी टीम की करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें - Ind vs Eng: इंग्लैंड ने 27 साल बाद बदला इतिहास, जिंदा रखी उम्मीदें

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×