Analysing India’s T20 WC Squad: आईपीएल (IPL) के हर एक सीजन में लोकप्रिय खिलाड़ी संजू सैमसन (Sanju Samson) के समर्थन में चलाया जाने वाला कैम्पेन हमेशा चर्चा में बना रहता है. हर साल सैमसन के सपोर्टर एक साथ मिलकर भारत के व्हाइट बॉल क्रिकेट टीम के सिलेक्शन के तरीके में उनके लिए न्याय की मांग करते हैं.
खैर ऐसा लगता है सोशल मीडिया पर संजू सैमसन की जबरदस्त लोकप्रियता ने अखिरकार पहली बार उन्हें भारत की वर्ल्ड कप टीम में हिस्सा दिला दिया है, हालांकि उनका सिलेक्शन टी-20 फॉर्मेट में हुआ है.
सैमसन पिछले कुछ एक सालों से भारत के व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिये हीरो फिगर रहे हैं. हर बार टीम का कॉम्बिनेशन बिठाने के चक्कर ये मौका उनके हाथ से जाता रहा है. दूसरी वजह यह है कि भारतीय क्रिकेट की हमेशा से समस्या रही है कि उसने हमेशा अच्छे परफॉर्मर की जगह प्रतिष्ठित नामों को तरजीह दी है, खास कर टी-20 फॉर्मेट में.
संजू सैमसन के मामले में टूटते मिथक
अजीत अगरकर के नेतृत्व में सेलेक्टर्स पैनल ने अपने पैमाने बदलते हुए सिलेक्शन सांचे में बदलाव करके संजू सैमन को दूसरे विकेट कीपर के रूप में टीम में जगह दी है. पिछले दो टी-20 वर्ल्ड कप के में और शिखर धवन की कप्तानी में ODI टीम का हिस्सा संजू भी थे. कोरोना के बिजी शेड्यूल और बायो बबल के कठोर नियम जैसे कुछ बहाने संजू को टीम से बाहर रखने में इस्तेमाल हुए. पर इस बार ऐसा कोई भी बहाना बाकी नहीं था.
सैमसन को उनके इंतजार का अच्छा फल मिला है. सैमसन आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन प्रदर्शन करते रहे हैं अपने कॉमन सेंस से उन्होंने राजस्थान रॉयल्स की बागडोर भी संभाली है. उन्हें टीम भी काफी अच्छी मिली है.
हालांकि सैमसन का शांत व्यवहार बताता है कि उन्होंने न केवल सोशल मीडिया बल्कि असल जिंदगी में भी बहुत सारे दिल जीते हैं. उनके पास बल्ले से अच्छा प्रहार करने की क्षमता है, जिससे अगर सैमसन पॉवर प्ले के तुरंत बाद बैटिंग के लिए आते हैं तो ये बहुत मददगार होगा. दुर्भाग्य से संजू का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शन अब तक बुरा रहा है. अब उनके पास फाइनली वो मौका है कि वो रिकॉर्ड सेट कर सकें
अब ये देखना होगा कि सैमसन आने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए ओपनिंग करते हैं या नहीं. ऋषभ पंत की कार हादसे के बाद शानदार वापसी हुई है ऐसे में सैमसन के लिये ये सब थोड़ा अजीब हो सकता है. पंत के होने से भारत के मिडल ऑर्डर के पास एक लेफ्ट हैंडर ऑप्शन होगा जो खास हो सकता है. टीम में सैमसन के रहने से पंत को भी खुद को साबित करने के लिए मेहनत करनी होगी.
आखिर क्यों टीम से बाहर हैं रिंकू
जहां एक तरफ सैमसन के साथ चयनकर्ताओं ने न्याय किया है वहीं दूसरी तरफ एक अन्य खिलाड़ी के लिए एक दूसरा कैंपेन शुरू हो गया है. अचानक सोशल मीडिया पर लोगों के अगले पसंदीदा खिलाड़ी के रूप में उत्तर प्रदेश के धमाकेदार खिलाड़ी रिंकू सिंह सामने आए हैं. रिंकू अच्छे खासे स्ट्राइकर हैं. वो इनिंग के आखिर में आते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में सीमित मौके मिलने के बाद भी इन्होंने अच्छा परफॉर्म किया है. दुर्भाग्य से अपने शानदार स्ट्राइक रेट के बाद भी रिंकू इस मौके से चूक गए और उनकी जगह एक और लेफ्ट हैंडर शिवम दुबे को मौका मिला है.
ऐसा लगता है कि रिंकू के प्लेइंग-11 में शामिल ना होने के पीछे का कारण है कि शिवम दुबे एक मीडियम पेसर बॉलर भी हैं. जबकि रिंकू ने अब तक अपने करियर में कभी बोलिंग नहीं की है और सेलेक्टर्स इस बात को समझ रहे थे कि उनके पास एक भी टॉप ऑर्डर बैटर ऐसा नहीं हैं जो मिड पेसर हो.
रोहित शर्मा, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव और यशस्वी जयसवाल सबने अपने करियर की शुरुआत में कभी ना कभी बॉलिंग की है. पर बाद में इस दिशा में हाथ बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.
हालांकि, पिछले साल वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेली गई सीरीज में जयसवाल ने बोलिंग की थी. रोहित और कोहली भी पिछले साल ODI वर्ल्ड कप में और खास कर लीग के आखिरी गेम में नीदरलैंड के खिलाफ गेंदबाजी करते नजर आये थे. यह घटना लोगों की कल्पना से परे थी.
शायद रिंकू के हाथ से ये मौका इस लिए निकल गया क्योंकि वो दो सिरों को एक साथ नहीं पकड़ सके. जब सिलेक्टर्स से ऐसा ही रूख रोहित और कोहली के मामले में अपनाने के लिए कहा गया तब उनके पास मल्टी टास्किंग प्लेयर्स चुनने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था. दुबे दोनों सिरों को मजबूती से पकड़े हुए हैं. हाल के आंकड़े बताते हैं कि बेशक दुबे ने चेन्नई के लिए गेंदबाजी नहीं की है लेकिन उनसे नेट प्रैक्टिस में गेंदबाजी करवाई जाती है.
रोहित ने दुबे का इस्तेमाल एक बोलिंग ऑप्शन के तौर पर अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में किया था.
ऑल राउंडर्स को क्या मिला?
वर्तमान सिलेक्शन पैनल ने पिछले दो बार के टी-20 वर्ल्ड कप से सबक लिया है. दुबे के अलावा सेलेक्टर्स ने हार्दिक, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा जैसे 3 और ऑल राउंडर्स को मौका दिया है. ऐसा भी हो सकता है कि इन चारों में से 3 एक साथ प्लेइंग 11 का हिस्सा बने, ऐसे में बैटिंग और बोलिंग में डेप्थ आएगी.
पिछले दो टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की टीम के पास गहराई की कमी महसूस हुई है. जब टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज बॉलिंग ना करने की अपनी जिद पर अड़े रहे है तो सिलेक्टर्स और टीम के थिंक टैंक को टीम की बनावट में गहराई को लेकर गंभीरता से सोचना पड़ा है.
पांड्या टीम के उप कप्तान है, पर अभी वो बिलकुल आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं. जडेजा भी फिलहाल बैटिंग में आउट ऑफ फॉर्म हैं. ऐसी उम्मीद है कि जब टीम को टी-20 वर्ल्ड कप में जरूरत होगी तो दोनों खिलाड़ी फॉर्म में लौट आएंगे.
चहल का क्या मामला है?
चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को हाल के वक्त में अपनी इन नई T-20 रणनीतियों को लेकर काफी सोच विचार करना पड़ा है. युजवेंद्र चहल को 2021 टी-20 वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया गया क्योंकि राहुल चाहर ने अच्छी गति से गेंदबाजी की. फिर 2022 के वर्ल्ड कप के दौरान, चहल को ऑस्ट्रेलिया में ड्रेसिंग रूम से ही खेल देखना पड़ा. तब ऐसा लगा जैसे चहल ने अपनी जगह अपने से काफी छोटे रवि बिश्नोई को सौंप दी है.
बिश्नोई एक लेग स्पिनर हैं, अच्छी फील्डिंग करते हैं, और बल्ले से भी योगदान देते हैं. बैटिंग के मामले में और फील्डिंग के मामले में चहल कमजोर हैं. ऐसा मालूम होता है कि आने वाले समय में सेलेक्टर्स बिश्नोई को अपना समर्थन देते रहेंगे जैसा पिछली कई बार किया है.
लेकिन एक बार फिर चयनकर्ताओं को चहल को सेलेक्ट करना पड़ा है जिसकी वजह अभी हाल ही में रही IPL में चहल की बोलिंग फॉर्म है. यह शायद इकलौता ऐसा सिलेक्शन है जो अभी चल रहे IPL के आधार पर किया गया है.
चहल के सिलेक्शन की एक दूसरी वजह है कि कुलदीप यादव ने अच्छी बैटिंग शुरू कर दी है ऐसे में लोअर ऑर्डर से रन आने में परेशानी नहीं पेश आएगी.
भारत की धारदार तेज गेंदबाजी
तेज गेंदबाज खुद को चुनते हैं, हालांकि मोहम्मद सिराज को टी20 फॉर्मेट में थोड़ी चिंता का विषय माना जा सकता है. पिछले दो टी-20 वर्ल्ड कप में सिराज को सेलेक्ट नहीं किया गया था क्योंकि मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर जैसे दिग्गज मौजूद थे.
अब जबकि ये दिग्गज आस पास नहीं हैं तो सिराज को अंदर आने का मौका मिला है. हालांकि शायद सिराज प्लेइंग 11 की पहली पसंद ना हों. अर्शदीप को टी-20 में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का फल मिला है. जाहिर है बुमराह के सिलेक्शन को लेकर कोई भी बहस नहीं है.
वो चर्चित नाम जो स्क्वॉड में नहीं हैं
केएल राहुल को टी-20 फॉर्मेट में सेलेक्ट के "ना" करने का फैसला एकमात्र ऐसा निर्णय था जिस पर सिलेक्टर्स अड़े रहे. पिछले दो बार से राहुल अपनी स्लो बैटिंग स्टाइल की वजह से टीम की जीत के विलन बन गए थे.
एक दूसरा बड़ा नाम जो T-20 वर्ल्ड कप स्क्वॉड से बाहर है वो है शुभमन गिल. यह संकेत है कि शायद बैट के साथ उनका परफॉरमेंस टी-20 फॉर्मेट के लिये ठीक नहीं है. लेकिन जब भारत के दो दिग्गजों में कोई एक टी-20 से बाहर जाएगा तो गिल को मौका मिल सकता है.
लेकिन ये आखिरी बात, अब तक टी-20 सिलेक्शन के दौरान सुनने में नहीं आई है. यह एक अस्थाई टीम है जिसे बदलने का मौका 25 मई तक सेलेक्टर्स के पास रहेगा. अगर चयनकर्ता चाहें तो वर्ल्ड कप के लिये एक अल्टरनेटिव प्लेइंग 11 बना सकते हैं. ऐसा होने की संभावनाएं काफी कम हैं.
भारत ने पिछले दो T-20 वर्ल्ड कप के दौरान अपने स्क्वॉड में बदलाव किए हैं. ऐसे में कुछ भी हो सकता है. लेकिन जो बात पत्थर की लकीर है वो ये है कि सैमसन को न्याय मिल चुका है. #Sanjugetsjustice!
हालांकि इसका दावा किया जा सकता है कि भारत के टीम सिलेक्शन में ऐसी ही न्याय मिलने वाली कहानी चलती रहेंगी. अब पटल पर नया नाम रिंकू का है.#JusticeforRinku
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