पुणे टेस्ट के तीसरे दिन शनिवार 12 अक्टूबर को भारतीय टीम ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. वर्नोन फिलेंडर और केशव महाराज की संघर्षपूर्ण पारियां भी साउथ अफ्रीका को बचा नहीं सकी और भारत की बेहतरीन गेंदबाजी के आगे पूरी टीम 275 रन पर ढेर हो गई. इसके साथ ही भारत ने 326 रन की विशाल बढ़त हासिल कर ली.
अश्विन ने भारत के लिए सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए जबकि उमेश यादव को 3 और मोहम्मद शमी को 2 सफलताएं मिलीं.
महाराज-फिलेंडर का जोरदार संघर्ष
दूसरे सेशन तक सिर्फ 162 रन पर ही 8 विकेट गंवा देने वाली अफ्रीकी टीम को सहारा मिला उसके गेंदबाजों से. वर्नोन फिलेंडर और केशव महाराज भले ही गेंद से पहली पारी में नाकाम रहे हों, लेकिन बल्ले से दोनों ने अपनी टीम के लिए संघर्ष किया.
दोनों ने टीम के बल्लेबाजों को दिखाया कि इस पिच पर भारतीय गेंदबाजों के सामने किस तरह रुककर और टिककर खेला जाता है. दोनों ने 40 ओवर से ज्यादा देर तक भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसाए रखा.
दोनों ने नौवें विकेट के लिए 109 रनों की साझेदारी की. इस दौरान महाराज ने अपना पहला अर्धशतक लगाया और करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया.
इस साझेदारी को तोड़ने के लिए कप्तान विराट कोहली ने काफी कोशिश की.
अश्विन के ओवर में विकेट को फील्डरों से पूरी तरह घेर दिया. इसका आखिर फायदा मिला और मिडिल-लेग स्टंप की गेंद को फ्लिक करने की कोशिश में महाराज लेग स्लिप में रोहित शर्मा को कैच दे बैठे. महाराज ने 72 रन बनाए.
अश्विन ने जल्द ही कगिसो रबाडा को भी आउट कर पूरी टीम को 275 रन पर समेट दिया. फिलेंडर 44 रन बनाकर नॉट आउट रहे. साउथ अफ्रीका के लिए कप्तान फाफ डु प्लेसि ने भी संघर्षपूर्ण अर्धशतक लगाया, लेकिन टी-ब्रेक से पहले वो 64 रन बनाकर आउट हो गए.
अश्विन-शमी-उमेश के सामने पस्त अफ्रीका
इससे पहले मैच के तीसरे दिन एक बार फिर मोहम्मद शमी की स्विंग और उमेश यादव की रफ्तार ने साउथ अफ्रीका को मुश्किल में डाल दिया.
साउथ अफ्रीका ने अपने दूसरे दिन के स्कोर, 3 विकेट पर 36 रन, से आगे खेलना शुरू किया. कप्तान विराट कोहली ने अपने गेंदबाजों को स्लिप में 4 फील्डर दिए. जल्द ही उसका परिणाम भी दिखा.
तीसरे ही ओवर में मोहम्मद शमी ने नॉर्टजे को चौथी स्लिप में कोहली के हाथों कैच करवा दिया. 2 ओवर बाद ही उमेश यादव ने अपना तीसरा विकेट झटका. उमेश की गेंद में तेजी के साथ अतिरिक्त उछाल के कारण डि ब्रूयन के बल्ले का बाहरी किनारा लगा और ऋद्धिमान साहा ने अच्छा कैच लिया.
वहीं अश्विन ने लंच से ठीक पहले क्विंटन डि कॉक को आउट कर बड़ी होती साझेदारी को तोड़ा. इसके बाद तो दूसरा और तीसरा सेशन पूरी तरह से अश्विन के नाम रहा.
अश्विन के सामने अफ्रीकी बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष करने लगे. दूसरी तरफ से रविंद्र जडेजा भी लगाम कसते रहे. पहले जडेजा ने सेन्युरन मुथुसामी का विकेट लेकर अफ्रीकी टीम को झटका दिया.
इसके बाद अश्विन ने भारत को सबसे बड़ी सफलता दिलाई. लगभग तीसरे दिन की शुरुआत से ही बल्लेबाजी कर रहे डु प्लेसि आखिरकार अश्विन की स्पिन में फंस गए. गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में अजिंक्य रहाणे के हाथों में चली गई.
हालांकि इसके बाद केशव महाराज और फिलेंडर ने भारत को टी-ब्रेक के बाद भी काफी देर परेशान किया, लेकिन आखिर अश्विन ने ही भारत को बड़ी सफलता दिलाई और महाराज को आउट किया. कुछ ही देर में रबाडा भी अश्विन का शिकार बन गए.
डु प्लेसि-डि कॉक की साझेदारी
हालांकि डु प्लेसि और क्विंटन डि कॉक ने साउथ अफ्रीका को बुरी स्थिति से बाहर निकालने की पूरी कोशिश की. दोनों ने पहले सेशन में छठे विकेट के लिए तेजी से रन जोड़े. खासतौर पर भारतीय स्पिनर अश्विन और रविंद्र जडेजा के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया.
दोनों ने मिलकर 108 गेंदों में ही 75 रन की साझेदारी कर डाली. इस दौरान डु प्लेसि ने रविंद्र जडेजा के एक ही ओवर में 3 चौके जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया. 50 रन तक पहुंचने के लिए डु प्लेसि ने सिर्फ 64 गेंदों का सामना किया और 8 चौके और एक छक्का जड़ा.
हालांकि जल्द ही अश्विन की एक बेहतरीन गेंद पर डि कॉक चूक गए और गेंद बेल्स गिरा दी. डि कॉक ने 48 गेंद में 7 चौकों की मदद से 31 रन बनाए.
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