वर्ल्ड कप 2019 के लिए भारतीय टीम के ऐलान ने कुछ वक्त के लिए आईपीएल के बुखार को कम कर दिया है. करीब 3 हफ्ते तक हर रोज टी-20 का तूफान देखने वाले क्रिकेट प्रेमी थोड़े समय के लिए ठहर गए हैं. हर किसी को टीम इंडिया से जुड़ी वर्ल्ड कप की यादें वापस आनी शुरू हो गई हैं. टीम के ऐलान के साथ ही चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है.
सबसे ज्यादा चर्चा ऋषभ पंत और अंबाति रायडू को टीम में शामिल ना किए जाने को लेकर है. हालांकि सच ये है कि बतौर कप्तान विराट कोहली का फैसला टीम हित में है.
15 खिलाड़ियों के नाम के ऐलान के साथ ही अब चर्चा इस बात पर भी गर्म है कि खिताब के लिए टीम इंडिया की दावेदारी कैसी है. इसी दावेदारी को परखने की कोशिश करते हैं. ये समझने का प्रयास करते हैं कि आखिर क्यों भारतीय टीम को खिताब का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. एक समूची तस्वीर दिखाने के लिए सबसे पहले आपको टीम इंडिया के मुकाबले बता देते हैं.
अब बात दावेदारी की. भारतीय टीम आईसीसी वनडे रैंकिग्स में नंबर दो की टीम है. रेटिंग प्वाइंट में वो इंग्लैंड से सिर्फ 3 अंक पीछे है. लिहाजा आईसीसी रैंकिग्स भी कहती है कि भारत तगड़ा दावेदार है. आईसीसी वनडे रैंकिंग्स में विराट कोहली नंबर एक बल्लेबाज और जसप्रीत बुमराह नंबर एक गेंदबाज हैं. इसके अलावा कुछ और आंकड़े हैं जो भारत को खिताब का प्रबल दावेदार बता रहे हैं. पिछले 2 साल में बड़ी टीमों के प्रदर्शन की बात कर लेते हैं. इस पैमाने पर भी टीम इंडिया बेहतर दिख रही है. ये आंकड़े देखिए
लगे हाथ ये भी जान लेते हैं कि पिछले वर्ल्ड कप से लेकर अब तक टीमों ने जितने वनडे मैच खेले हैं, उनमें उनकी जीत का प्रतिशत क्या है. 4 बड़ी टीमों की बात करते हैं. जिसमें भारतीय टीम पहले पायदान पर है.
टीमों के प्रदर्शन के बाद अगर व्यक्तिगत प्रदर्शन पर आएं तो आंकड़े भारतीय टीम के पक्ष में और ज्यादा हैं. पिछले दो साल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में पहले तीनों नाम भारतीय खिलाड़ियों के हैं.
आंकड़ों के अलावा ये बात भी जेहन में रखनी होगी कि इस बार टीम इंडिया में ‘यूटिलिटी खिलाड़ियों’ की भरमार है. हार्दिक पांड्या, विजय शंकर, केदार जाधव और रवींद्र जडेजा को टीम में शामिल ही इसलिए किया गया है कि वो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों के विकल्प मुहैया करा सकें.
क्रिकेट फैंस का एक बहुत बड़ा वर्ग इंग्लैंड की पिचों को लेकर थोड़ी शंका में है. लोग ये मान रहे हैं कि इंग्लैंड में वर्ल्ड कप के दौरान तेज पिचों पर खेलना होगा. हालांकि सच्चाई यह नहीं है. सच्चाई है कि जब वर्ल्ड कप खेला जाएगा, तब तक इंग्लैंड का घरेलू सीजन खत्म हो चुका होगा. पिचें लगभग बेजान हो चुकी होंगी. ऐसे में टीम इंडिया को वहां ढलने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. ऐसे में भारतीय टीम की दावेदारी को मजबूत ना मानने के लिए कोई तर्क बचता नहीं है.
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